आपको भूल जाएँ हम इतने तो बेवफ़ा नहीं
आपसे क्या गिला करे आपसे कुछ गिला नहीं
(गिला = शिकायत, उलाहना)
शीशा-ए-दिल को तोड़ना उनका तो एक खेल है
हमसे ही भूल हो गयी उनकी कोई ख़ता नहीं
काश वो अपने ग़म मुझे दे दें तो कुछ सुकूँ मिले
वो कितना बद-नसीब है ग़म भी जिसे मिला नहीं
जुर्म है गर वफ़ा तो क्या क्यूँ मैं वफ़ा को छोड़ दूँ
कहते हैं इस गुनाह की होती कोई सज़ा नहीं
---------------------------------------------------
हम तो समझ रहे थे ये तुम मिले प्यार मिल गया
एक तेरे दर्द के सिवा हम को तो कुछ मिला नहीं
-तस्लीम फ़ाज़ली
Aap ko bhool jaayen hum itne to bewafa nahin
Aapse kya gila karen Aapse kuch gila nahin
Sisha-e-dil ko todna unka to ek khel hai
Humse hi bhool ho gayee unki koi khata nahin
Kaash wo apne gham mujhe de den to kuch sukoon mile
wo kitna bad-naseeb ha gham bhee jise mila nahin
Jurm hai gar wafaa to kya kyoon main wafa ko chodh doon
Kehte hain is gunaah kee hoti koi sazaa nahin
Hum tou samjh rahe the ye tum mile pyaar mil gaya
Ek tere dard ke siva hum ko to kuch mila nahin
-Tasleem Fazli
आपसे क्या गिला करे आपसे कुछ गिला नहीं
(गिला = शिकायत, उलाहना)
शीशा-ए-दिल को तोड़ना उनका तो एक खेल है
हमसे ही भूल हो गयी उनकी कोई ख़ता नहीं
काश वो अपने ग़म मुझे दे दें तो कुछ सुकूँ मिले
वो कितना बद-नसीब है ग़म भी जिसे मिला नहीं
जुर्म है गर वफ़ा तो क्या क्यूँ मैं वफ़ा को छोड़ दूँ
कहते हैं इस गुनाह की होती कोई सज़ा नहीं
---------------------------------------------------
हम तो समझ रहे थे ये तुम मिले प्यार मिल गया
एक तेरे दर्द के सिवा हम को तो कुछ मिला नहीं
-तस्लीम फ़ाज़ली
Aap ko bhool jaayen hum itne to bewafa nahin
Aapse kya gila karen Aapse kuch gila nahin
Sisha-e-dil ko todna unka to ek khel hai
Humse hi bhool ho gayee unki koi khata nahin
Kaash wo apne gham mujhe de den to kuch sukoon mile
wo kitna bad-naseeb ha gham bhee jise mila nahin
Jurm hai gar wafaa to kya kyoon main wafa ko chodh doon
Kehte hain is gunaah kee hoti koi sazaa nahin
Hum tou samjh rahe the ye tum mile pyaar mil gaya
Ek tere dard ke siva hum ko to kuch mila nahin
-Tasleem Fazli
excellent flute play!! His name should be displayed..
ReplyDelete