एक परवाज़ दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
(परवाज़ = उड़ान)
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
सिर्फ़ एक सफ़हा पलट कर उसने
बीती बातों की सफ़ाई दी है
(सफ़हा = पृष्ठ, पन्ना)
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है
आग में क्या क्या जला है शब भर
कितनी ख़ुशरंग दिखाई दी है
(शब = रात)
-गुलज़ार
Ek parvaaz dikhaai di hai
Teri aawaz sunaai di hai
Jiski aankhon mein kati thin sadiyaan
Usne sadiyon ki judaai di hai
Sirf ik safha palat kar usne
Beeti baaton ki safaai di hai
Fir wahin laut ke jaana hoga
Yaar ne kaisi rihaai di hai
Aag me kya kya jalaa hai shab bhar
Kitni khushrang dikhayi di hai
-Gulzar
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
(परवाज़ = उड़ान)
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
सिर्फ़ एक सफ़हा पलट कर उसने
बीती बातों की सफ़ाई दी है
(सफ़हा = पृष्ठ, पन्ना)
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है
आग में क्या क्या जला है शब भर
कितनी ख़ुशरंग दिखाई दी है
(शब = रात)
-गुलज़ार
Ek parvaaz dikhaai di hai
Teri aawaz sunaai di hai
Jiski aankhon mein kati thin sadiyaan
Usne sadiyon ki judaai di hai
Sirf ik safha palat kar usne
Beeti baaton ki safaai di hai
Fir wahin laut ke jaana hoga
Yaar ne kaisi rihaai di hai
Aag me kya kya jalaa hai shab bhar
Kitni khushrang dikhayi di hai
-Gulzar
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