कोई पास आया सवेरे सवेरे
मुझे आज़माया सवेरे सवेरे
मेरी दास्ताँ को ज़रा सा बदल कर
मुझे ही सुनाया सवेरे सवेरे
जो कहता था कल शब संभलना संभलना
वही लड़खड़ाया सवेरे सवेरे
(शब = रात)
जली थी शमा रातभर जिसकी ख़ातिर
उसी को जलाया सवेरे सवेरे
जली थी शमा रातभर जिसकी ख़ातिर
उसी को जलाया सवेरे सवेरे
कटी रात सारी मेरी मैकदे में
ख़ुदा याद आया सवेरे सवेरे
-सईद राही
With Pt Hariprasad Chaurasia and Ustad Zakir Hussain
Jagjit ji's 70th B'Day Celebration and Shukrana launch at Mayfair in Mumbai
Koi paas aaya savere savere
Mujhe aazmaaya savere savere
Meri daastaan ko zara sa badal kar
Mujhe hi sunaaya savere savere
Jo kehta thaa kal shab sambhalna sambhalna
Wahi lad-khadaaya savere savere
Kati raat saari meri maikade mein
Khuda yaad aaya savere savere
-Saeed Rahi
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