नामा गया कोई न कोई नामाबर गया
तेरी ख़बर न आई ज़माना गुज़र गया
(नामा = पत्र), (नामाबर = संदेशवाहक, डाकिया)
हँसता हूँ यूँ कि हिज्र की रातें गुज़र गईं
रोता हूँ यूँ के लुत्फ़-ए-दुआ-ए-सहर गया
(हिज्र = ज़ुदाई, बिछोह), (लुत्फ़-ए-दुआ-ए-सहर = सुबह की प्रार्थना का मज़ा)
अब मुझ को है क़रार तो सब को क़रार है
दिल क्या ठहर गया कि ज़माना गुज़र गया
(क़रार = चैन)
या रब नहीं मैं वाक़िफ़-ए-रुदाद-ए-ज़िन्दगी
इतना ही याद है कि जिया और मर गया
(वाक़िफ़-ए-रुदाद-ए-ज़िन्दगी = ज़िन्दगी की दास्तान/ दशा से परिचित)
-सीमाब अकबराबादी
Nama gaya koi na koi naamabar gaya
teri khabar na aai zamaana guzar gaya
hansta hoon yoon ke hijr ki raaten guzar gayin
rota hoon yoon ke lutf-e-duaa-e-saher gaya
ab mujko hai qaraar to sab ko qaraar hai
dil kya thahar gaya ke zamaana thahar gaya
ya rab nahin main waakif-e-rudaad-e-zindagi
itna hi yaad hai ke jiya aur mar gaya
-Seemab Akbarabadi
तेरी ख़बर न आई ज़माना गुज़र गया
(नामा = पत्र), (नामाबर = संदेशवाहक, डाकिया)
हँसता हूँ यूँ कि हिज्र की रातें गुज़र गईं
रोता हूँ यूँ के लुत्फ़-ए-दुआ-ए-सहर गया
(हिज्र = ज़ुदाई, बिछोह), (लुत्फ़-ए-दुआ-ए-सहर = सुबह की प्रार्थना का मज़ा)
अब मुझ को है क़रार तो सब को क़रार है
दिल क्या ठहर गया कि ज़माना गुज़र गया
(क़रार = चैन)
या रब नहीं मैं वाक़िफ़-ए-रुदाद-ए-ज़िन्दगी
इतना ही याद है कि जिया और मर गया
(वाक़िफ़-ए-रुदाद-ए-ज़िन्दगी = ज़िन्दगी की दास्तान/ दशा से परिचित)
-सीमाब अकबराबादी
Nama gaya koi na koi naamabar gaya
teri khabar na aai zamaana guzar gaya
hansta hoon yoon ke hijr ki raaten guzar gayin
rota hoon yoon ke lutf-e-duaa-e-saher gaya
ab mujko hai qaraar to sab ko qaraar hai
dil kya thahar gaya ke zamaana thahar gaya
ya rab nahin main waakif-e-rudaad-e-zindagi
itna hi yaad hai ke jiya aur mar gaya
-Seemab Akbarabadi
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