ये इनायतें गज़ब की, ये बला की मेहरबानी
मेरी ख़ैरियत भी पूछी, किसी और की ज़बानी
(इनायत = कृपा, दया, मेहरबानी)
मेरा ग़म रुला चुका है तुझे बिखरी ज़ुल्फ वाले
ये घटा बता रही है, के बरस चुका है पानी
तेरा हुस्न सो रहा था, मेरी छेड़ ने जगाया
वो निगाह मैने डाली के सँवर गयी जवानी
मेरी बेज़ुबाँ आँखों से गिरे हैं चन्द क़तरे
वो समझ सके तो आँसू, न समझ सके तो पानी
है अगर हसीं बनाना तुझे अपनी ज़िंदगी को
तो 'नज़ीर' इस जहाँ को न समझ जहान-ए-फ़ानी
(जहान-ए-फ़ानी = नश्वर दुनिया, Mortal world)
-नज़ीर बनारसी
Ye inayaten gazab ki ye balaa ki meharabani
meri khairiyat bhi puchi kisi aur ki zubani
mera gham rula chuka hai tujhe bikhari zulf wale
ye ghata bata rahi hai ke baras chuka hai pani
tera husn so raha tha meri ched ne jagaya
wo nigah main ne dali ke sanwar gai javani
meri bezuban aankhon se gire hain chand qatre
wo samajh sake to aansu na samajh sake to pani
-Nazeer Banarasi
मेरी ख़ैरियत भी पूछी, किसी और की ज़बानी
(इनायत = कृपा, दया, मेहरबानी)
मेरा ग़म रुला चुका है तुझे बिखरी ज़ुल्फ वाले
ये घटा बता रही है, के बरस चुका है पानी
तेरा हुस्न सो रहा था, मेरी छेड़ ने जगाया
वो निगाह मैने डाली के सँवर गयी जवानी
मेरी बेज़ुबाँ आँखों से गिरे हैं चन्द क़तरे
वो समझ सके तो आँसू, न समझ सके तो पानी
है अगर हसीं बनाना तुझे अपनी ज़िंदगी को
तो 'नज़ीर' इस जहाँ को न समझ जहान-ए-फ़ानी
(जहान-ए-फ़ानी = नश्वर दुनिया, Mortal world)
-नज़ीर बनारसी
Live in Kenya
meri khairiyat bhi puchi kisi aur ki zubani
mera gham rula chuka hai tujhe bikhari zulf wale
ye ghata bata rahi hai ke baras chuka hai pani
tera husn so raha tha meri ched ne jagaya
wo nigah main ne dali ke sanwar gai javani
meri bezuban aankhon se gire hain chand qatre
wo samajh sake to aansu na samajh sake to pani
-Nazeer Banarasi
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