मंज़िलें क्या हैं रास्ता क्या है
हौसला हो तो फ़ासला क्या है
वो सज़ा देके दूर जा बैठा
किससे पूछूँ मेरी ख़ता क्या है
जब भी चाहेगा छीन लेगा वो
सब उसी का है आपका क्या है
तुम हमारे क़रीब बैठे हो
अब दवा कैसी अब दुआ क्या है
चाँदनी आज किस लिए नम है
चाँद की आँख में चुभा क्या है
-आलोक श्रीवास्तव
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
ख़्वाब सारे उदास बैठे हैं
नींद रूठी है, माजरा क्या है
बेसदा काग़ज़ों में आग लगा
अपने रिश्ते को आज़्मा, क्या है
गुज़रे लम्हों की धूल उड़ती है
इस हवेली में अब रखा क्या है
Wo sazaa deke dur ja baitha
Jab bhi chaahega cheen lega wo
Tum hamaare kareeb baithe ho
Chaandani aaj kisliye nam hai
हौसला हो तो फ़ासला क्या है
वो सज़ा देके दूर जा बैठा
किससे पूछूँ मेरी ख़ता क्या है
जब भी चाहेगा छीन लेगा वो
सब उसी का है आपका क्या है
तुम हमारे क़रीब बैठे हो
अब दवा कैसी अब दुआ क्या है
चाँदनी आज किस लिए नम है
चाँद की आँख में चुभा क्या है
-आलोक श्रीवास्तव
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
ख़्वाब सारे उदास बैठे हैं
नींद रूठी है, माजरा क्या है
बेसदा काग़ज़ों में आग लगा
अपने रिश्ते को आज़्मा, क्या है
गुज़रे लम्हों की धूल उड़ती है
इस हवेली में अब रखा क्या है
Manzilein kya hain raasta kya hai
Hausala ho to faasla kya hai
Wo sazaa deke dur ja baitha
Kis se puchhu meri khata kya hai
Jab bhi chaahega cheen lega wo
Sab usika hai aapka kya hai
Tum hamaare kareeb baithe ho
Ab dawa kaisi ab dua kya hai
Chaandani aaj kisliye nam hai
Chaand ki aankh mein chhubha kya hai
-Aalok Shrivastav
'जब भी चाहेगा छीन लेगा वो
ReplyDeleteसब उसी का है आपका क्या है'
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बहुत ही उम्दा सर, आलोक सर की गजलों को जब भी मैं पढ़ता हूं खो जाता हूं। आलोक सर की कुछ ऐसे ही शानदार गजल आपको 99lyricstore.com में भी पढ़ने को मिल जायेगी। बेहतरीन गजलों के लिए एक बार वहां का रुख जरूर करें।
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