फिर नज़र से पिला दीजिये
होश मेरे उड़ा दीजिये
छोड़िये दुश्मनी की रविश
अब ज़रा मुस्कुरा दीजिये
(रविश = रंग-ढंग)
बात अफ़साना बन जायेगी
इस क़दर मत हवा दीजिये
आइये खुल के मिलिये गले
सब तक़ल्लुफ़ हटा दीजिये
(तक़ल्लुफ़ = संकोच, लिहाज)
कब से मुश्ताक़-ए-दीदार हूँ
अब तो जलवा दिखा दीजिये
(मुश्ताक़-ए-दीदार = दर्शन का अभिलाषी)
-जाम नसीमी
Phir nazar se pila deejiye
Hosh mere uda deejiye
Chodiye dushmani ki ravish
Ab zara muskuraa deejiye
Baat afsaana ban jayegi
Is khadar mat havaa deejiye
Aaiye khul ke miliye gale
Sab taqal'luf haata deejiye
Kab se mushtaq-e-deedar hoon
Ab to jalva dikha deejiye
-Jaam Nasimi
होश मेरे उड़ा दीजिये
छोड़िये दुश्मनी की रविश
अब ज़रा मुस्कुरा दीजिये
(रविश = रंग-ढंग)
बात अफ़साना बन जायेगी
इस क़दर मत हवा दीजिये
आइये खुल के मिलिये गले
सब तक़ल्लुफ़ हटा दीजिये
(तक़ल्लुफ़ = संकोच, लिहाज)
कब से मुश्ताक़-ए-दीदार हूँ
अब तो जलवा दिखा दीजिये
(मुश्ताक़-ए-दीदार = दर्शन का अभिलाषी)
-जाम नसीमी
Phir nazar se pila deejiye
Hosh mere uda deejiye
Chodiye dushmani ki ravish
Ab zara muskuraa deejiye
Baat afsaana ban jayegi
Is khadar mat havaa deejiye
Aaiye khul ke miliye gale
Sab taqal'luf haata deejiye
Kab se mushtaq-e-deedar hoon
Ab to jalva dikha deejiye
-Jaam Nasimi
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