कुछ होश भी है ऐ दस्त-ए-जुनूँ देख क्या हुआ
दामन तक आ गया है गरेबाँ फटा हुआ
(दस्त-ए-जुनूँ = पागलपन का हाथ), (गरेबाँ = गरिबान/ कंठी)
अल्लाह रे ये कमसिनी इतना नहीं ख़्याल
मय्यत पे आके पूछते हैं इनको क्या हुआ
(कमसिनी = बचपना)
नज़र-ए-अदा हुआ के नियाज़-ए-क़ज़ा हुआ
पहलू में एक दिल था ख़ुदा जाने क्या हुआ
(नज़र-ए-अदा = प्रियतम की अदाओं की भेंट), (नियाज़-ए-क़ज़ा = मौत की इच्छा/ कामना)
अपनी हदूद से ना बढे़ इश्क़ में कोई
क़तरा हुबाब बन के जो उभरा फ़ना हुआ
(हदूद = मर्यादाओं, सीमाओं), (हुबाब = पानी का बुलबुला), (फ़ना = बर्बादी, तबाही, मृत्यु)
आओ 'असीर' अब तो यही मशग़ला सही
एक रोये और दूसरा पूछे के क्या हुआ
(मशगला = शगल करना, दिल बहलाव)
-असीर अलीगढ़ी
Kuch hosh bhi hai dast-e-junoon dekh kya hua
Daaman tak aa gaya hai garebaan phataa hua
Allah re ye kamsini itnaa nahin khayal
Mayyat pe aake poochhte hain inko kya hua
Nazr-e-adaa hua, ki niyaaz-e-qaza hua
Pehlu mein ek dil tha khuda jaane kya hua
Apni hadood se na badhe ishq mein koi
Qatra hubaab banke jo ubhra fanaa hua
Aao 'Asir' ab to yahi mashgala sahi
Ek roye aur dusara pooche ke kya hua
-Aseer Aligadhi
दामन तक आ गया है गरेबाँ फटा हुआ
(दस्त-ए-जुनूँ = पागलपन का हाथ), (गरेबाँ = गरिबान/ कंठी)
अल्लाह रे ये कमसिनी इतना नहीं ख़्याल
मय्यत पे आके पूछते हैं इनको क्या हुआ
(कमसिनी = बचपना)
नज़र-ए-अदा हुआ के नियाज़-ए-क़ज़ा हुआ
पहलू में एक दिल था ख़ुदा जाने क्या हुआ
(नज़र-ए-अदा = प्रियतम की अदाओं की भेंट), (नियाज़-ए-क़ज़ा = मौत की इच्छा/ कामना)
अपनी हदूद से ना बढे़ इश्क़ में कोई
क़तरा हुबाब बन के जो उभरा फ़ना हुआ
(हदूद = मर्यादाओं, सीमाओं), (हुबाब = पानी का बुलबुला), (फ़ना = बर्बादी, तबाही, मृत्यु)
आओ 'असीर' अब तो यही मशग़ला सही
एक रोये और दूसरा पूछे के क्या हुआ
(मशगला = शगल करना, दिल बहलाव)
-असीर अलीगढ़ी
Kuch hosh bhi hai dast-e-junoon dekh kya hua
Daaman tak aa gaya hai garebaan phataa hua
Allah re ye kamsini itnaa nahin khayal
Mayyat pe aake poochhte hain inko kya hua
Nazr-e-adaa hua, ki niyaaz-e-qaza hua
Pehlu mein ek dil tha khuda jaane kya hua
Apni hadood se na badhe ishq mein koi
Qatra hubaab banke jo ubhra fanaa hua
Aao 'Asir' ab to yahi mashgala sahi
Ek roye aur dusara pooche ke kya hua
-Aseer Aligadhi
बहुत बढ़िया ग़ज़ल और उम्दा गायन। राग दरबारी at its best.
ReplyDeleteThanks a lot for complete ghazal. Was looking for it for quite some while.
Wah jagjit just wah apne pure jag ko aur mere Dil ko bhi jit liya he
ReplyDeleteEnglish translation available or what?
ReplyDeleteThank you for giving the complete meaning of this ghazal. Bahut bahut shukriya.....
ReplyDeleteawesome website. So much effort
ReplyDeleteAre they any more Gazals or Nazams by Aseer Aligadhi
ReplyDeleteThanks for giving meaning of difficult words
ReplyDeletePls translate into English
ReplyDelete