Monday 12 January 2015

Tum saaz chedo main geet gaaun/ तुम साज़ छेड़ो, मैं गीत गाऊँ, कहता है ये मौसम

तुम साज़ छेड़ो, मैं गीत गाऊँ, कहता है ये मौसम
ख़ामोश क्यूँ हो, मदहोश कर दो, तुम छेड़ दो सरगम

पंछी भी गाऐंगे, सबको सुनाऐंगे, तेरी मेरी दास्ताँ
तुझमें खो जाऊँ मैं, मुझमें खो जाओ तुम, भूल के ये सारा जहाँ
ये दिल की बाज़ी मैं खेल जाऊँ, तुम मुस्कुरा दो सनम
ख़ामोश क्यूँ हो, मदहोश कर दो, तुम छेड़ दो सरगम

आँखें चुराओ ना, हमसे छुपाओ ना, ऐसी भी क्या बात है
हमको तो है यकीं, शायद तुम्हें नहीं, जन्मों का ये साथ है
हम दो बदन हैं, इक जान हैं हम, अपनी वफ़ा की कसम
ख़ामोश क्यूँ हो, मदहोश कर दो, तुम छेड़ दो सरगम

-रविंदर कपूर

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