कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दिया
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया
पहले कहते थे वो चुप क्यों हो, ज़रा लब खोलो
अब वो कहते हैं कि शिकायात ने दिल तोड़ दिया
वो मेरे हैं, मुझे मिल जायेंगे, आ जायेंगे
ऐसे मोहमिल से ख़यालात ने दिल तोड़ दिया
(मोहमिल = जिसका कोई अर्थ न हो, निरर्थक)
यूँ तो कहने को मुलाक़ात हुए थी उनसे
क्या मुलाक़ात थी, हर बात ने दिल तोड़ दिया
हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
आयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
वो भी आलम था के हर रात हसीं होती थी
ये भी आलम है के इस रात ने दिल तोड़ दिया
-सुदर्शन फ़ाकिर
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
दिल तो रोता रहे, और आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रवायात ने दिल तोड़ दिया
(रवायात = कहावतें, दस्तूर)
आप को प्यार है मुझ से के नहीं है मुझ से
जाने क्यों ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया
Kuch to duniya ki inaayaat ne dil tod diya
Aur kuch talkhi-e-haalat ne dil tod diya
Pahle kahte the wo chup kyon ho, zaraa lab kholo
Ab wo kahte hain ki shikaayaat ne dil tod diya
Wo mere hain, mujhe mil jaayenge, aa jaayenge
Aise mohmil se khayalat ne dil tod diya
Yun to kahne ko mulaakat hui thi unse
Kya mulaakat thi, har baat ne dil tod diya
Hum to samjhe the ki barsaat me barsegi sharaab
Aayi barsaat to barsaat ne dil tod diya
Wo bhi aalam tha ke har raat hanseen hoti thi
Ye bhi aalam hai ke is raat ne dil tod diya
-Sudarshan Faakir
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया
पहले कहते थे वो चुप क्यों हो, ज़रा लब खोलो
अब वो कहते हैं कि शिकायात ने दिल तोड़ दिया
वो मेरे हैं, मुझे मिल जायेंगे, आ जायेंगे
ऐसे मोहमिल से ख़यालात ने दिल तोड़ दिया
(मोहमिल = जिसका कोई अर्थ न हो, निरर्थक)
यूँ तो कहने को मुलाक़ात हुए थी उनसे
क्या मुलाक़ात थी, हर बात ने दिल तोड़ दिया
हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
आयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
वो भी आलम था के हर रात हसीं होती थी
ये भी आलम है के इस रात ने दिल तोड़ दिया
-सुदर्शन फ़ाकिर
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
दिल तो रोता रहे, और आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रवायात ने दिल तोड़ दिया
(रवायात = कहावतें, दस्तूर)
आप को प्यार है मुझ से के नहीं है मुझ से
जाने क्यों ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया
Kuch to duniya ki inaayaat ne dil tod diya
Aur kuch talkhi-e-haalat ne dil tod diya
Pahle kahte the wo chup kyon ho, zaraa lab kholo
Ab wo kahte hain ki shikaayaat ne dil tod diya
Wo mere hain, mujhe mil jaayenge, aa jaayenge
Aise mohmil se khayalat ne dil tod diya
Yun to kahne ko mulaakat hui thi unse
Kya mulaakat thi, har baat ne dil tod diya
Hum to samjhe the ki barsaat me barsegi sharaab
Aayi barsaat to barsaat ne dil tod diya
Wo bhi aalam tha ke har raat hanseen hoti thi
Ye bhi aalam hai ke is raat ne dil tod diya
-Sudarshan Faakir
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