सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता
[(रुख़ = मुख, मुंह, चेहरा), (आफ़ताब = सूरज)]
जवाँ होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता
(यकलख़्त = आकस्मिक, अचानक, एकदम से)
शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब, आहिस्ता आहिस्ता
(शब-ए-फ़ुर्क़त = वियोग/ जुदाई की रात)
सवाल-ए-वस्ल पे उनको अदू का खौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
[(सवाल-ए-वस्ल = मिलन का सवाल), (अदू = विरोधी, शत्रु, रक़ीब)]
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
-अमीर मीनाई
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Rare live recording
दिल में कह रहा था फ़रहाद शीरीं से जुदा होकर
मुहब्बत की गली में हमने क्या पाया है दिल खो कर
उठाया उसने नेज़ा और कहा नेज़े से यूँ रोकर
मेरे दिल के करो टुकड़े मगर आहिस्ता आहिस्ता
मज़ार-ए-क़ैस पर जब रूह-ए-लैला एक दिन आई
तो अरमानों के मुरझाए हुए कुछ फूल भी साथ लाई
लगी जब फूल रखने, कब्र से आवाज़ ये आई
चढ़ाना फूल जानेमन मगर आहिस्ता आहिस्ता
नज़र से मिल ही जाएगी नज़र आहिस्ता आहिस्ता
मेरी आहों में आएगा असर आहिस्ता आहिस्ता
हमारी दास्ताँ भी लैला-मजनू का फ़साना है
तुम्हारे वास्ते अब इस दिल में मिटने की तमन्ना है
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
मुहब्बत की भरी महफ़िल में ये कैसा नज़ारा है
तुम्हारे हैं कदम और उनसे लिपटा दिल हमारा है
ना इसको भूल जाना दिल हमारा घर तुम्हारा है
मेरा दिल तोड़ना साहब मगर आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता
[(रुख़ = मुख, मुंह, चेहरा), (आफ़ताब = सूरज)]
जवाँ होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता
(यकलख़्त = आकस्मिक, अचानक, एकदम से)
शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब, आहिस्ता आहिस्ता
(शब-ए-फ़ुर्क़त = वियोग/ जुदाई की रात)
सवाल-ए-वस्ल पे उनको अदू का खौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
[(सवाल-ए-वस्ल = मिलन का सवाल), (अदू = विरोधी, शत्रु, रक़ीब)]
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता
-अमीर मीनाई
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Rare live recording
दिल में कह रहा था फ़रहाद शीरीं से जुदा होकर
मुहब्बत की गली में हमने क्या पाया है दिल खो कर
उठाया उसने नेज़ा और कहा नेज़े से यूँ रोकर
मेरे दिल के करो टुकड़े मगर आहिस्ता आहिस्ता
मज़ार-ए-क़ैस पर जब रूह-ए-लैला एक दिन आई
तो अरमानों के मुरझाए हुए कुछ फूल भी साथ लाई
लगी जब फूल रखने, कब्र से आवाज़ ये आई
चढ़ाना फूल जानेमन मगर आहिस्ता आहिस्ता
नज़र से मिल ही जाएगी नज़र आहिस्ता आहिस्ता
मेरी आहों में आएगा असर आहिस्ता आहिस्ता
हमारी दास्ताँ भी लैला-मजनू का फ़साना है
तुम्हारे वास्ते अब इस दिल में मिटने की तमन्ना है
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
मुहब्बत की भरी महफ़िल में ये कैसा नज़ारा है
तुम्हारे हैं कदम और उनसे लिपटा दिल हमारा है
ना इसको भूल जाना दिल हमारा घर तुम्हारा है
मेरा दिल तोड़ना साहब मगर आहिस्ता आहिस्ता
गई जब रामी धोबन एक दिन दरिया नहाने को
वहाँ बैठा था चंडीदास अफ़साना सुनाने को
कहा उसने के रामी छोड़ दे सारे ज़माने को
बसाना है अगर उल्फ़त का घर आहिस्ता आहिस्ता
वहाँ बैठा था चंडीदास अफ़साना सुनाने को
कहा उसने के रामी छोड़ दे सारे ज़माने को
बसाना है अगर उल्फ़त का घर आहिस्ता आहिस्ता
जवानी ने अभी उल्फ़त का फ़साना नही सीखा,
किसी के वास्ते बर्बाद हो जाना नही सीखा
अभी मेरी अदाओं ने शर्माना नही सीखा
मुझे सब कुछ सीखा देना मगर आहिस्ता आहिस्ता
Singer: Asha Bhosle
Live in Pakistan
https://www.youtube.com/watch?v=rOhKWNOXg7g
Singer: Kishor Kumar and Lata
https://www.youtube.com/watch?v=fuH7EQd2kUA
https://www.youtube.com/watch?v=car-53MT9vA
https://www.youtube.com/watch?v=rOhKWNOXg7g
Singer: Kishor Kumar and Lata
https://www.youtube.com/watch?v=fuH7EQd2kUA
https://www.youtube.com/watch?v=car-53MT9vA
फ़िल्म-गज़ब(१९५१)
गायक- लता मंगेशकर,ज़ोहराबाई अम्बालेवाली,कल्याणी।
संगीत- नाशाद(शौक़त देलहवी)
गीतकार-ए.क़रीम
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sarakti jaaye hai rukh se naqaab ahista ahista
nikalataa aa rahaa hai aaftaab ahista ahista
jawaaN hone lage jab vo to ham se kar liyaa pardaa
hayaa yakalaKht aayii aur shabaab ahista ahista
shab-e-furkat kaa jaagaa huuN farishton ab to sone do
kabhii fursat men kar lenaa hisaab ahista ahista
savaal-e-vasl par unako aduu kaa Khauf hai itanaa
Dabe honThon se dete hain javaab aahistaa aahistaa
hamaare aur tumhaare pyar men bas fark hai itanaa
idhar to jaldii jaldii hai udhar aahistaa aahistaa
wo bedardii se sar kaaTe "ameer" aur main kahuuN un se
huzuur aahistaa aahistaa, janaab ahista ahista
-Amir Meenai
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