देखा तो मेरा साया भी मुझ से जुदा मिला
सोचा तो हर किसी से मेरा सिलसिला मिला
शहर-ए-वफ़ा में अब किसे अहल-ए-वफ़ा कहें
हमसे गले मिला तो वो ही बेवफ़ा मिला
(शहर-ए-वफ़ा = वफ़ा का शहर), (अहल-ए-वफ़ा = वफ़ा करने वाले लोग)
फ़ुर्सत किसे थी जो मेरे हालात पूछता
हर शख़्स अपने बारे में कुछ सोचता मिला
उसने तो ख़ैर अपनों से मोड़ा था मुँह 'अयाज़'
मैंने ये क्या किया के मैं ग़ैरों से जा मिला
-अयाज़ झाँसवी
Dekha to mera saaya bhi mujhse juda mila
Socha to har kisi se mera silsila mila
Shehar-e-wafaa mein ab kise ahal-e-wafaa kahen
Humse gale mila to wo hi bewafa mila
Fursat kise thi jo mere haalaat poochta
Har shakhs apne baare mein kuch sonchta mila
Usne to khair apno se moda tha moonh 'Ayaz'
Maine ye kya kiya ke main gairon se jaa mila
-Ayaz Jhansvi
सोचा तो हर किसी से मेरा सिलसिला मिला
शहर-ए-वफ़ा में अब किसे अहल-ए-वफ़ा कहें
हमसे गले मिला तो वो ही बेवफ़ा मिला
(शहर-ए-वफ़ा = वफ़ा का शहर), (अहल-ए-वफ़ा = वफ़ा करने वाले लोग)
फ़ुर्सत किसे थी जो मेरे हालात पूछता
हर शख़्स अपने बारे में कुछ सोचता मिला
उसने तो ख़ैर अपनों से मोड़ा था मुँह 'अयाज़'
मैंने ये क्या किया के मैं ग़ैरों से जा मिला
-अयाज़ झाँसवी
Dekha to mera saaya bhi mujhse juda mila
Socha to har kisi se mera silsila mila
Shehar-e-wafaa mein ab kise ahal-e-wafaa kahen
Humse gale mila to wo hi bewafa mila
Fursat kise thi jo mere haalaat poochta
Har shakhs apne baare mein kuch sonchta mila
Usne to khair apno se moda tha moonh 'Ayaz'
Maine ye kya kiya ke main gairon se jaa mila
-Ayaz Jhansvi
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