मेरे दुख की कोई दवा न करो
मुझ को मुझ से अभी जुदा न करो
नाख़ुदा को ख़ुदा कहा है तो फिर
डूब जाओ, ख़ुदा ख़ुदा न करो
(नाख़ुदा = मल्लाह, नाविक)
ये सिखाया है दोस्ती ने हमें
दोस्त बनकर कभी वफ़ा न करो
इश्क़ है इश्क़, ये मज़ाक नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो
आशिक़ी हो के बंदगी 'फ़ाकिर'
बेदिली से तो इब्तिदा न करो
(बंदगी = भक्तिपूर्वक ईश्वर की वंदना, सेवा, खिदमत), (बेदिली = उदासी, मलिनता, खिन्नता), (इब्तिदा = प्रारम्भ, शुरुआत)
-सुदर्शन फ़ाकिर
Mere dukh ki koi dawaa na karo
Mujhko mujhse abhi judaa na karo
Nakhuda ko khuda kaha hai to fir
Doob jaao khuda-khuda na karo
Ye sikhaya hai dosti ne hamen
Dost bankar kabhi wafaa na karo
Ishq hai ishq, ye mazaq nahin
Channd lamhon mein faislaa na karo
Aashiqi ho ke bandagi 'faakir'
Bedili se to ibtida na karo
-Sudarshan Faakir
मुझ को मुझ से अभी जुदा न करो
नाख़ुदा को ख़ुदा कहा है तो फिर
डूब जाओ, ख़ुदा ख़ुदा न करो
(नाख़ुदा = मल्लाह, नाविक)
ये सिखाया है दोस्ती ने हमें
दोस्त बनकर कभी वफ़ा न करो
इश्क़ है इश्क़, ये मज़ाक नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो
आशिक़ी हो के बंदगी 'फ़ाकिर'
बेदिली से तो इब्तिदा न करो
(बंदगी = भक्तिपूर्वक ईश्वर की वंदना, सेवा, खिदमत), (बेदिली = उदासी, मलिनता, खिन्नता), (इब्तिदा = प्रारम्भ, शुरुआत)
-सुदर्शन फ़ाकिर
Mere dukh ki koi dawaa na karo
Mujhko mujhse abhi judaa na karo
Nakhuda ko khuda kaha hai to fir
Doob jaao khuda-khuda na karo
Ye sikhaya hai dosti ne hamen
Dost bankar kabhi wafaa na karo
Ishq hai ishq, ye mazaq nahin
Channd lamhon mein faislaa na karo
Aashiqi ho ke bandagi 'faakir'
Bedili se to ibtida na karo
-Sudarshan Faakir
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