ये पीने वाले बहुत ही अजीब होते हैं,
जहाँ से दूर ये ख़ुद के क़रीब होते हैं
(जहाँ = दुनिया)
किसी को प्यार मिले और किसी को रुसवाई,
मोहब्बतों के सफ़र भी अजीब होते हैं
(रुसवाई = बदनामी)
मिला किसी को है क्या सोचिये अमीरी से,
दिलों के शाह तो अक्सर गरीब होते हैं
यहाँ के लोगो की है ख़ासियत ये सबसे बड़ी,
हबीब लगते हैं लेकिन रक़ीब होते हैं
(हबीब = मित्र, दोस्त, प्रिय), (रक़ीब = प्रेमिका का दूसरा प्रेमी, प्रेमक्षेत्र का प्रतिद्वंदी)
-नामालूम
Ye peene waale bahut hi ajeeb hote hain
jahan se door ye khud ke kareeb hote hain
kisi ko pyaar mile aur kisi ko ruswaayi
mohabbaton ke safar bhi ajeeb hote hain
mila kisi ko hai kya sochiye ameeri se
dilon ke shaah to aksar gareeb hote hain
yahan ke logon ki hai khaasiyat ye sabse badi
habeeb lagte hain lekin raqeeb hote hain
-Unknown
जहाँ से दूर ये ख़ुद के क़रीब होते हैं
(जहाँ = दुनिया)
किसी को प्यार मिले और किसी को रुसवाई,
मोहब्बतों के सफ़र भी अजीब होते हैं
(रुसवाई = बदनामी)
मिला किसी को है क्या सोचिये अमीरी से,
दिलों के शाह तो अक्सर गरीब होते हैं
यहाँ के लोगो की है ख़ासियत ये सबसे बड़ी,
हबीब लगते हैं लेकिन रक़ीब होते हैं
(हबीब = मित्र, दोस्त, प्रिय), (रक़ीब = प्रेमिका का दूसरा प्रेमी, प्रेमक्षेत्र का प्रतिद्वंदी)
-नामालूम
Ye peene waale bahut hi ajeeb hote hain
jahan se door ye khud ke kareeb hote hain
kisi ko pyaar mile aur kisi ko ruswaayi
mohabbaton ke safar bhi ajeeb hote hain
mila kisi ko hai kya sochiye ameeri se
dilon ke shaah to aksar gareeb hote hain
yahan ke logon ki hai khaasiyat ye sabse badi
habeeb lagte hain lekin raqeeb hote hain
-Unknown
Poet- Rakesh
ReplyDeletePoet- Rakesh
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