दिल-ए-नादाँ, तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
(दिल-ए-नादाँ = नादान/ नासमझ दिल)
हम को उनसे, वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते, वफ़ा क्या है
हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार
या इलाही, ये माजरा क्या है
(मुश्ताक़ = उत्सुक, अभिलाषी), (बेज़ार = नाराज़, अप्रसन्न)
जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद
फिर यह हँगामा ऐ ख़ुदा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूँ
मैं नहीं जानता, दुआ क्या है
(निसार = निछावर)
-मिर्ज़ा ग़ालिब
Dil-e-naadaan tujhe huaa kya hai
Aakhir is dard ki dawa kya hai
Hamko unse wafa ki hai ummeed
Jo naheen jaante wafa kya hai
Ham hain mushtaaq aur woh bezaar
Ya ilaahee, Ye maajra kya hai
Jab ki tujh bin naheen koi maujood
Fir ye hangaama, Ay Khuda! Kya hai
Jaan tum par nisaar karta hoon
Main naheen jaanata duaa kya hai
-Mirza Ghalib
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
(दिल-ए-नादाँ = नादान/ नासमझ दिल)
हम को उनसे, वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते, वफ़ा क्या है
हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार
या इलाही, ये माजरा क्या है
(मुश्ताक़ = उत्सुक, अभिलाषी), (बेज़ार = नाराज़, अप्रसन्न)
जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद
फिर यह हँगामा ऐ ख़ुदा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूँ
मैं नहीं जानता, दुआ क्या है
(निसार = निछावर)
-मिर्ज़ा ग़ालिब
Dil-e-naadaan tujhe huaa kya hai
Aakhir is dard ki dawa kya hai
Hamko unse wafa ki hai ummeed
Jo naheen jaante wafa kya hai
Ham hain mushtaaq aur woh bezaar
Ya ilaahee, Ye maajra kya hai
Jab ki tujh bin naheen koi maujood
Fir ye hangaama, Ay Khuda! Kya hai
Jaan tum par nisaar karta hoon
Main naheen jaanata duaa kya hai
-Mirza Ghalib
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