हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था
इक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था
(गोशा = कोना, दिशा), (गुलिस्ताँ = बाग़, उपवन, बग़ीचा), (जश्न-ए-बहाराँ = बहारों का उत्सव)
नग़में थे हवाओं में जादू था फ़िज़ाओं में
हर साँस ग़ज़लख्वाँ था कल रात जहाँ मैं था
(फ़िज़ा = वातावरण), (ग़ज़लख्वाँ = ग़ज़ल जैसा)
दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफाँ था कल रात जहाँ मैं था
महताब था बाहों में जलवे थे निगाहों में
हर सिम्त चरागाँ था कल रात जहाँ मैं था
[(महताब = चन्द्रमा), (सिम्त = ओर, तरफ), (चरागाँ = दीपमाला)]
'ख़ालिद' ये हक़ीक़त है नाकर्दा गुनाहों की
मैं ख़ूब पशेमाँ था कल रात जहाँ मैं था
(नाकर्दा = ना किया हुआ), (पशेमाँ = लज्जित, शर्मिंदा, जिसे पश्चाताप हुआ हो)
-ख़ालिद कुवैतवी
Har gosha gulistan tha kal raat jahan main tha
ek jasn-e-baharan tha kal raat jahan main tha
nagmen the hawaon mein jaadoo tha fizaaon mein
har saans ghazalkhwaan tha kal raat jahan main tha
dariya-e-mohabbat mein kasthi thi jawaani ki
jazbaat ka toofaan tha kal raat jahan main tha
mahtaab tha baahon mein jalwe the nigaahon mein
har simt charaagan tha kal raat jahan main tha
-Khalid Kuwaitvi
इक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था
(गोशा = कोना, दिशा), (गुलिस्ताँ = बाग़, उपवन, बग़ीचा), (जश्न-ए-बहाराँ = बहारों का उत्सव)
नग़में थे हवाओं में जादू था फ़िज़ाओं में
हर साँस ग़ज़लख्वाँ था कल रात जहाँ मैं था
(फ़िज़ा = वातावरण), (ग़ज़लख्वाँ = ग़ज़ल जैसा)
दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफाँ था कल रात जहाँ मैं था
महताब था बाहों में जलवे थे निगाहों में
हर सिम्त चरागाँ था कल रात जहाँ मैं था
[(महताब = चन्द्रमा), (सिम्त = ओर, तरफ), (चरागाँ = दीपमाला)]
'ख़ालिद' ये हक़ीक़त है नाकर्दा गुनाहों की
मैं ख़ूब पशेमाँ था कल रात जहाँ मैं था
(नाकर्दा = ना किया हुआ), (पशेमाँ = लज्जित, शर्मिंदा, जिसे पश्चाताप हुआ हो)
-ख़ालिद कुवैतवी
Har gosha gulistan tha kal raat jahan main tha
ek jasn-e-baharan tha kal raat jahan main tha
nagmen the hawaon mein jaadoo tha fizaaon mein
har saans ghazalkhwaan tha kal raat jahan main tha
dariya-e-mohabbat mein kasthi thi jawaani ki
jazbaat ka toofaan tha kal raat jahan main tha
mahtaab tha baahon mein jalwe the nigaahon mein
har simt charaagan tha kal raat jahan main tha
-Khalid Kuwaitvi
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