जीते रहने की सज़ा दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
अब तो मरने की दुआ दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
मैं तो अब उकता गया हूँ क्या यही है कायनात
बस ये आईना हटा दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
(कायनात = सृष्टि, जगत)
ढूँढने निकला था तुझको और ख़ुद को खो दिया
तू ही अब मेरा पता दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
या मुझे एहसास की इस क़ैद से कर दे रिहा
वरना दीवान बना दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
-ज़का सिद्दीक़ी
Jeete rehne ki saza de zindagi ae zindagi
Ab to marne ki dua de zindagi ae zindagi
Main to ab ukta gaya hoon kya yahi hai kaayenaat
Bas ye aaina hata de zindagi ae zindagi
Dhoondne niklaa tha tujhko aur khud ko kho diya
Tu hi ab mera pata de zindagi ae zindagi
Yaa mujhe ehsaas ki is qaid se kar de rihaa
Warna deewana banaa de zindagi ae zindagi
-Zaqa Siddiqui
अब तो मरने की दुआ दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
मैं तो अब उकता गया हूँ क्या यही है कायनात
बस ये आईना हटा दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
(कायनात = सृष्टि, जगत)
ढूँढने निकला था तुझको और ख़ुद को खो दिया
तू ही अब मेरा पता दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
या मुझे एहसास की इस क़ैद से कर दे रिहा
वरना दीवान बना दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी
-ज़का सिद्दीक़ी
Jeete rehne ki saza de zindagi ae zindagi
Ab to marne ki dua de zindagi ae zindagi
Main to ab ukta gaya hoon kya yahi hai kaayenaat
Bas ye aaina hata de zindagi ae zindagi
Dhoondne niklaa tha tujhko aur khud ko kho diya
Tu hi ab mera pata de zindagi ae zindagi
Yaa mujhe ehsaas ki is qaid se kar de rihaa
Warna deewana banaa de zindagi ae zindagi
-Zaqa Siddiqui
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