किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह
(आशना = मित्र, दोस्त, यार, प्रेमी या प्रेमिका)
किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीक़ी
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह
(तारीक़ी = अन्धकार, अँधेरा)
बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह
(मुरव्वत = संकोच, लिहाज)
सितम तो ये है के वो भी ना बन सका अपना
क़ुबूल हमने किये जिसके ग़म ख़ुशी की तरह
कभी न सोचा था हमने 'क़तील' उस के लिये
करेगा हमपे सितम वो भी हर किसी की तरह
-क़तील शिफ़ाई
Kiya hai pyaar jise humne zindagi ki tarah
wo aashna bhi mila humse ajnabi ki tarah
kise khabar thi badhegi kuch aur tareeqi
chupega wo kisi badli mein chandni ki tarah
badha ke pyaas meri usne haath chodh diya
wo kar raha tha murawwat bhi dillagi ki tarah
sitam to ye hai ke wo bhi na ban saka apna
qabool humne kiye jiske gham khushi ki tarah
kabhi na socha tha humne 'qateel' uske liye
karega hum pe sitam wo bhi har kisi ki tarah
-Qateel Shifai
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह
(आशना = मित्र, दोस्त, यार, प्रेमी या प्रेमिका)
किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीक़ी
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह
(तारीक़ी = अन्धकार, अँधेरा)
बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह
(मुरव्वत = संकोच, लिहाज)
सितम तो ये है के वो भी ना बन सका अपना
क़ुबूल हमने किये जिसके ग़म ख़ुशी की तरह
कभी न सोचा था हमने 'क़तील' उस के लिये
करेगा हमपे सितम वो भी हर किसी की तरह
-क़तील शिफ़ाई
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Kiya hai pyaar jise humne zindagi ki tarah
wo aashna bhi mila humse ajnabi ki tarah
kise khabar thi badhegi kuch aur tareeqi
chupega wo kisi badli mein chandni ki tarah
badha ke pyaas meri usne haath chodh diya
wo kar raha tha murawwat bhi dillagi ki tarah
sitam to ye hai ke wo bhi na ban saka apna
qabool humne kiye jiske gham khushi ki tarah
kabhi na socha tha humne 'qateel' uske liye
karega hum pe sitam wo bhi har kisi ki tarah
-Qateel Shifai
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