क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा
कुछ ना होगा तो तज़ुर्बा होगा
हँसती आँखों में झाँक कर देखो
कोई आँसू कहीं छुपा होगा
इन दिनों ना-उम्मीद सा हूँ मैं
शायद उसने भी ये सुना होगा
देखकर तुमको सोचता हूँ मैं
क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगा
-जावेद अख़्तर
कुछ ना होगा तो तज़ुर्बा होगा
हँसती आँखों में झाँक कर देखो
कोई आँसू कहीं छुपा होगा
इन दिनों ना-उम्मीद सा हूँ मैं
शायद उसने भी ये सुना होगा
देखकर तुमको सोचता हूँ मैं
क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगा
-जावेद अख़्तर
Kyoon daren zindagi mein kya hoga
Kuch na hoga to tazurba hoga
Hansti aankhon mein jhaank kar dekho
Koi aansoo kahin chupa hoga
In dinon na-ummeed sa hoon main
Shaayad usne bhi ye suna hoga
Dekhkar tumko sochta hoon main
Kya kisi ne tumhen chua hoga
-Javed Akhtar
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