शेख़ जी थोड़ी सी पी कर आईये
मय है क्या शै फिर हमें बतलाइए
(शेख़ = धर्माचार्य), (शै = वस्तु, पदार्थ, चीज़)
आप क्यों हैं सारी दुनिया से जुदा
आप भी दुश्मन मेरे बन जाइए
क्या है अच्छा क्या बुरा बन्दा नवाज़,
आप समझें तो हमें समझाइए
(बन्दा नवाज़ = अपने सेवकों और भक्तों पर दया करने वाला)
जाने दीजे अक्ल बातें जनाब,
दिल की सुनिये और पीते जाइए
उलझने दुनिया की सुलझा लेंगे हम
आप अपनी ज़ुल्फ़ तो सुलझाइए
-सुदर्शन फ़ाकिर
Sheikh ji thodi si peekar aaiye
Mai hai kya shai phir hume batlaaiye
Aap kyoon hain saari duniya se judaa
Aap bhi dushman mere ban jaaiye
Kya hai achcha, kya bura banda-nawaaz
Aap samjhen to hume samjhaaiye
Jaane dije akl ki baaten janaab
Dil ki suniye aur peete jaaiye
Uljhane duniya ki suljha lenge hum
aap apni zulf to suljhaiye
-Sudarshan Faakir
मय है क्या शै फिर हमें बतलाइए
(शेख़ = धर्माचार्य), (शै = वस्तु, पदार्थ, चीज़)
आप क्यों हैं सारी दुनिया से जुदा
आप भी दुश्मन मेरे बन जाइए
क्या है अच्छा क्या बुरा बन्दा नवाज़,
आप समझें तो हमें समझाइए
(बन्दा नवाज़ = अपने सेवकों और भक्तों पर दया करने वाला)
जाने दीजे अक्ल बातें जनाब,
दिल की सुनिये और पीते जाइए
उलझने दुनिया की सुलझा लेंगे हम
आप अपनी ज़ुल्फ़ तो सुलझाइए
-सुदर्शन फ़ाकिर
Sheikh ji thodi si peekar aaiye
Mai hai kya shai phir hume batlaaiye
Aap kyoon hain saari duniya se judaa
Aap bhi dushman mere ban jaaiye
Kya hai achcha, kya bura banda-nawaaz
Aap samjhen to hume samjhaaiye
Jaane dije akl ki baaten janaab
Dil ki suniye aur peete jaaiye
Uljhane duniya ki suljha lenge hum
aap apni zulf to suljhaiye
-Sudarshan Faakir
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