है इख़्तियार में तेरे तो मोजिज़ा कर दे
वो शख़्स मेरा नहीं है उसे मेरा कर दे
(इख़्तियार = अधिकार, सामर्थ्य, काबू), (मोजिज़ा = चमत्कार)
ये रेगज़ार कहीं ख़त्म ही नहीं होता
ज़रा सी दूर तो रस्ता हरा-भरा कर दे
(रेगज़ार = रेगिस्तान)
मैं उसके ज़ोर को देखूँ वो मेरा सब्र-ओ-सुकूँ
मुझे चराग़ बना दे उसे हवा कर दे
(ज़ोर = बल, शक्ति), (सब्र-ओ-सुकूँ = धैर्य/ सहनशीलता और ठहराव/ मन की शांति)
अकेली शाम बहुत ही उदास करती है
किसी को भेज कोई मेरा हमनवा कर दे
-राणा सहरी
Hai ikhtiyaar mein tere to mojiza kar de
Wo shakhs mera nahin hai usse mera kar de
Ye regzaar kahin kahtm hi nahin hota
Zara si door to rasta hara bhara kar de
Main uske zor ko dekhoon wo mera sabr-o-sukoon
Mujhe charag bana de use hawaa kar de
Akeli shaam bahut hi udaas karti hai
Kisiko bhej koi mera hum-nawa kar de
-Rana Sahri
वो शख़्स मेरा नहीं है उसे मेरा कर दे
(इख़्तियार = अधिकार, सामर्थ्य, काबू), (मोजिज़ा = चमत्कार)
ये रेगज़ार कहीं ख़त्म ही नहीं होता
ज़रा सी दूर तो रस्ता हरा-भरा कर दे
(रेगज़ार = रेगिस्तान)
मैं उसके ज़ोर को देखूँ वो मेरा सब्र-ओ-सुकूँ
मुझे चराग़ बना दे उसे हवा कर दे
(ज़ोर = बल, शक्ति), (सब्र-ओ-सुकूँ = धैर्य/ सहनशीलता और ठहराव/ मन की शांति)
अकेली शाम बहुत ही उदास करती है
किसी को भेज कोई मेरा हमनवा कर दे
-राणा सहरी
Hai ikhtiyaar mein tere to mojiza kar de
Wo shakhs mera nahin hai usse mera kar de
Ye regzaar kahin kahtm hi nahin hota
Zara si door to rasta hara bhara kar de
Main uske zor ko dekhoon wo mera sabr-o-sukoon
Mujhe charag bana de use hawaa kar de
Akeli shaam bahut hi udaas karti hai
Kisiko bhej koi mera hum-nawa kar de
-Rana Sahri
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