कुछ खोना कुछ पाना चलता रहता है
साँसों का अफ़साना चलता रहता है
अब भी चिड़ियाँ चुग जाती है खेतों को
दो-इक दिन पछताना चलता रहता है
कुछ बच जाते हैं तो कुछ मिट जाते हैं
वक़्त का आना जाना चलता रहता है
हिन्दु-मुस्लिम आते जाते रहते हैं
नुक्कड़ का मैख़ाना चलता रहता है
-संजय मासूम
Kuch khona kuch paana chalata rehata hai
Saanson ka afsaana chalata rehata hai
Ab bhi chidiyaan chug jaati hai kheton ko
Do ik din pachhataana chalata rehata hai
Kuchh bach jaate hain to kuchh mit jaate hain
Waqt ka aana jaana chalata rehata hai
Hindu muslim aate jaate rehate hain
Nukkad ka maikhaana chalata rehata hai
-Sanjay Masoom
साँसों का अफ़साना चलता रहता है
अब भी चिड़ियाँ चुग जाती है खेतों को
दो-इक दिन पछताना चलता रहता है
कुछ बच जाते हैं तो कुछ मिट जाते हैं
वक़्त का आना जाना चलता रहता है
हिन्दु-मुस्लिम आते जाते रहते हैं
नुक्कड़ का मैख़ाना चलता रहता है
-संजय मासूम
Kuch khona kuch paana chalata rehata hai
Saanson ka afsaana chalata rehata hai
Ab bhi chidiyaan chug jaati hai kheton ko
Do ik din pachhataana chalata rehata hai
Kuchh bach jaate hain to kuchh mit jaate hain
Waqt ka aana jaana chalata rehata hai
Hindu muslim aate jaate rehate hain
Nukkad ka maikhaana chalata rehata hai
-Sanjay Masoom
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