ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूठ की कोई इंतहा ही नहीं
(इंतहा = चरम सीमा, परिणाम, फल)
जड़ दो चाँदी में चाहे सोने में
आईना झूठ बोलता ही नहीं
-कृष्ण बिहारी नूर
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
ज़िन्दगी! मौत तेरी मंज़िल है
दूसरा कोई रास्ता ही नहीं
ज़िन्दगी! अब बता कहाँ जाएँ
ज़हर बाज़ार में मिला ही नहीं
जिसके कारण फ़साद होते हैं
उसका कोई अता-पता ही नहीं
धन के हाथों बिके हैं सब क़ानून
अब किसी जुर्म की सज़ा ही नहीं
कैसे अवतार कैसे पैग़म्बर
ऐसा लगता है अब ख़ुदा ही नहीं
उसका मिल जाना क्या, न मिलना क्या
ख़्वाब-दर-ख़्वाब कुछ मज़ा ही नहीं
अपनी रचनाओं में वो ज़िन्दा है
‘नूर’ संसार से गया ही नहीं
Zindagi se badi saza hi nahin
Aur kya jurm hai pata hi nahin
Itne his'son mein bat gaya hoon main
Mere his'se mein kuch bachaa hi nahin
Sach ghate ya badhe to sach na rahe
Jhooth ki koi intehaa hi nahin
Jadh do chaandi mein chaahe sone mein
Aaiana jhooth bolta hi nahin
-Krishna Bihari Noor
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूठ की कोई इंतहा ही नहीं
(इंतहा = चरम सीमा, परिणाम, फल)
जड़ दो चाँदी में चाहे सोने में
आईना झूठ बोलता ही नहीं
-कृष्ण बिहारी नूर
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
ज़िन्दगी! मौत तेरी मंज़िल है
दूसरा कोई रास्ता ही नहीं
ज़िन्दगी! अब बता कहाँ जाएँ
ज़हर बाज़ार में मिला ही नहीं
जिसके कारण फ़साद होते हैं
उसका कोई अता-पता ही नहीं
धन के हाथों बिके हैं सब क़ानून
अब किसी जुर्म की सज़ा ही नहीं
कैसे अवतार कैसे पैग़म्बर
ऐसा लगता है अब ख़ुदा ही नहीं
उसका मिल जाना क्या, न मिलना क्या
ख़्वाब-दर-ख़्वाब कुछ मज़ा ही नहीं
अपनी रचनाओं में वो ज़िन्दा है
‘नूर’ संसार से गया ही नहीं
Zindagi se badi saza hi nahin
Aur kya jurm hai pata hi nahin
Itne his'son mein bat gaya hoon main
Mere his'se mein kuch bachaa hi nahin
Sach ghate ya badhe to sach na rahe
Jhooth ki koi intehaa hi nahin
Jadh do chaandi mein chaahe sone mein
Aaiana jhooth bolta hi nahin
-Krishna Bihari Noor
A decent Gajal. The Truth has no space to increase or decrease whereas A Lie has endless provisions to rise.
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