इन अश्कों को पानी कहना भूल नहीं नादानी है
तन मन में जो आग लगा दे ये तो ऐसा पानी है
कैसे तुमसे इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है
सुन लो तो सच्चा अफ़साना वर्ना एक कहानी है
शेख़-ओ-बरहमन, ज़ाहिद-ओ-वाइज़, पीरी में ये क्या जाने
भूल भी हो जाती है इसमें, इसका नाम जवानी है
(शेख़ = धर्माचार्य), (ज़ाहिद = संयमी, विरक्त, जप-तप करने वाला), (वाइज़ = धर्मोपदेशक), (पीरी = वृद्धावस्था, बुढ़ापा)
दुःख सुख सहना और ख़ुश रहना, इश्क़ में लाज़िम है ये 'सहर'
दिल वाले हो मत घबराओ, ये तो रीत पुरानी है
(लाज़िम = आवश्यक)
-कुँवर मोहिन्दर सिंह बेदी 'सहर'
In ashkon ko paani kehna bhool nahin naadaani hai
Tan man mein jo aag lagaa de ye to aisa paani hai
Kaise tum se ishq hua tha kya kya hum par beeti hai
Sunlo to sachcha afsaana warna ek kahaani hai
Sheik-O-barhaman, zaahid-O-waaeez, peeri mein ye kya jaane
Bhool bhi ho jaati hai isme, iska naam jawaani hai
Dukh-sukh sehna aur khush rehna iskq mein laazim hai ye 'Sahar'
Dil waale ho mat ghabraao, ye to reet puraani hai
-Kunwar Mohinder Singh Bedi 'Sahar'
तन मन में जो आग लगा दे ये तो ऐसा पानी है
कैसे तुमसे इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है
सुन लो तो सच्चा अफ़साना वर्ना एक कहानी है
शेख़-ओ-बरहमन, ज़ाहिद-ओ-वाइज़, पीरी में ये क्या जाने
भूल भी हो जाती है इसमें, इसका नाम जवानी है
(शेख़ = धर्माचार्य), (ज़ाहिद = संयमी, विरक्त, जप-तप करने वाला), (वाइज़ = धर्मोपदेशक), (पीरी = वृद्धावस्था, बुढ़ापा)
दुःख सुख सहना और ख़ुश रहना, इश्क़ में लाज़िम है ये 'सहर'
दिल वाले हो मत घबराओ, ये तो रीत पुरानी है
(लाज़िम = आवश्यक)
-कुँवर मोहिन्दर सिंह बेदी 'सहर'
In ashkon ko paani kehna bhool nahin naadaani hai
Tan man mein jo aag lagaa de ye to aisa paani hai
Kaise tum se ishq hua tha kya kya hum par beeti hai
Sunlo to sachcha afsaana warna ek kahaani hai
Sheik-O-barhaman, zaahid-O-waaeez, peeri mein ye kya jaane
Bhool bhi ho jaati hai isme, iska naam jawaani hai
Dukh-sukh sehna aur khush rehna iskq mein laazim hai ye 'Sahar'
Dil waale ho mat ghabraao, ye to reet puraani hai
-Kunwar Mohinder Singh Bedi 'Sahar'
is there an explanation for these lyrics somewhere?
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