ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
आज हम सब के साथ ख़ूब हँसे
और फिर देर तक उदास रहे
रात के रास्ते भी रौशन हों
हाथ में चाँद का गिलास रहे
आदमी के लिये ज़रूरी है
कोई उम्मीद, कोई आस रहे
-बशीर बद्र
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
चाँद इन बदलियों से निकलेगा
कोई आयेगा दिल को आस रहे
हम मुहब्बत के फूल हैं शायद
कोई काँटा भी आस पास रहे
मेरे सीने में इस तरह बस जा
मेरी सांसों में तेरी बास रहे
Khush rahe ya bahut udaas rahe
Zindagi tere aas paas rahe
Aaj ham sab ke saath khoob hanse
Aur phir der tak udaas rahe
Raat ke raaste bhi roshan hoN
Haath mein chaand ka gilaas rahe
Aadmi ke liye Zaroori hai
Koi ummeed koi aas rahe
-Bashir Badr
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
आज हम सब के साथ ख़ूब हँसे
और फिर देर तक उदास रहे
रात के रास्ते भी रौशन हों
हाथ में चाँद का गिलास रहे
आदमी के लिये ज़रूरी है
कोई उम्मीद, कोई आस रहे
-बशीर बद्र
इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:
चाँद इन बदलियों से निकलेगा
कोई आयेगा दिल को आस रहे
हम मुहब्बत के फूल हैं शायद
कोई काँटा भी आस पास रहे
मेरे सीने में इस तरह बस जा
मेरी सांसों में तेरी बास रहे
Khush rahe ya bahut udaas rahe
Zindagi tere aas paas rahe
Aaj ham sab ke saath khoob hanse
Aur phir der tak udaas rahe
Raat ke raaste bhi roshan hoN
Haath mein chaand ka gilaas rahe
Aadmi ke liye Zaroori hai
Koi ummeed koi aas rahe
-Bashir Badr
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