रात ख़ामोश है चाँद मदहोश है
थाम लेना मुझे, जा रहा होश है
मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की ज़ुबाँ
गा रही है ज़मीं, सुन रहा आस्माँ
गुनगुनाती हवा, दे रही है सदा
सर्द इस रात की, गर्म आग़ोश है
(सदा = आवाज़)
महकती ये फ़िज़ा, जैसे तेरी अदा
छा रहा है रूह पर, जाने कैसा नशा
झुमता है जहाँ, अजब है ये समा
दिल के गुलज़ार में, इश्क़ पुरजोश है
(फ़िज़ा = वातावरण), (गुलज़ार = बाग़, वाटिका), (पुरजोश = जोश से भरा हुआ)
-हरीराम आचार्य
Raat khamosh hai chaand madhosh hai
Thaam lena mujhe jaa rahaa hosh hai
Milan ki dastan, dhadkano ki zuban
Gaa rahi hai zameen, sun raha aasaman
Gungunati hawa, de rahi hai sada
Sard is raat ki, garm aagosh hai
Mahakti ye fiza, jaise teri adaa
Chha raha rooh par, jaane kaisa nasha
Jhoomta hai jahan, ajab hai ye samaa
Dil ke gulzar main, ishq purjosh hai
-Hariram Acharya
थाम लेना मुझे, जा रहा होश है
मिलन की दास्ताँ, धड़कनों की ज़ुबाँ
गा रही है ज़मीं, सुन रहा आस्माँ
गुनगुनाती हवा, दे रही है सदा
सर्द इस रात की, गर्म आग़ोश है
(सदा = आवाज़)
महकती ये फ़िज़ा, जैसे तेरी अदा
छा रहा है रूह पर, जाने कैसा नशा
झुमता है जहाँ, अजब है ये समा
दिल के गुलज़ार में, इश्क़ पुरजोश है
(फ़िज़ा = वातावरण), (गुलज़ार = बाग़, वाटिका), (पुरजोश = जोश से भरा हुआ)
-हरीराम आचार्य
Raat khamosh hai chaand madhosh hai
Thaam lena mujhe jaa rahaa hosh hai
Milan ki dastan, dhadkano ki zuban
Gaa rahi hai zameen, sun raha aasaman
Gungunati hawa, de rahi hai sada
Sard is raat ki, garm aagosh hai
Mahakti ye fiza, jaise teri adaa
Chha raha rooh par, jaane kaisa nasha
Jhoomta hai jahan, ajab hai ye samaa
Dil ke gulzar main, ishq purjosh hai
-Hariram Acharya
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