जहाँ जहाँ मुझे सहरा दिखाई देता है
मेरी तरह से अकेला दिखाई देता है
(सहरा = विस्तार, जंगल, रेगिस्तान)
ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है
(अब्र = बादल), (दश्त = जंगल)
ये किस मक़ाम पे लायी है जुस्तजू तेरी
जहाँ से अर्श भी नीचा दिखाई देता है
(जुस्तजू = तलाश, खोज), (अर्श = आसमान)
ये भीगी पलकें किसी की ये अश्कबार आँखें
पस-ए-गुबार भी क्या क्या दिखाई देता है
(अश्कबार = आँसू बहाने वाली), (पस-ए-गुबार = गुबार के पीछे)
-शकेब जलाली
Jahan jahan mujhe sehra dikhayi deta hai
Meri tarah se akela dikhayee deta hai
Yeh ek abr ka tukda kahan kahan barse
Tamaam dasht hi pyaasa dikhayee deta hai
Ye kis maqaam pe laayee hai justjoo teri
Jahan se arsh bhi neecha dikhayee deta hai
Ye bheegi palken kisi ki ye ashkbaar aankhen
Pas-e-gubaar bhi kya kya dikhai deta hai
-Shakeb Jaalali
मेरी तरह से अकेला दिखाई देता है
(सहरा = विस्तार, जंगल, रेगिस्तान)
ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है
(अब्र = बादल), (दश्त = जंगल)
ये किस मक़ाम पे लायी है जुस्तजू तेरी
जहाँ से अर्श भी नीचा दिखाई देता है
(जुस्तजू = तलाश, खोज), (अर्श = आसमान)
ये भीगी पलकें किसी की ये अश्कबार आँखें
पस-ए-गुबार भी क्या क्या दिखाई देता है
(अश्कबार = आँसू बहाने वाली), (पस-ए-गुबार = गुबार के पीछे)
-शकेब जलाली
Jahan jahan mujhe sehra dikhayi deta hai
Meri tarah se akela dikhayee deta hai
Yeh ek abr ka tukda kahan kahan barse
Tamaam dasht hi pyaasa dikhayee deta hai
Ye kis maqaam pe laayee hai justjoo teri
Jahan se arsh bhi neecha dikhayee deta hai
Ye bheegi palken kisi ki ye ashkbaar aankhen
Pas-e-gubaar bhi kya kya dikhai deta hai
-Shakeb Jaalali
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