मैं भी बिक जाऊँ अगर रस्म ये डाली जाए
सर तो नीलाम हो पगड़ी ना उछाली जाए
काट दे पाँव अगर भीख नहीं दे सकता
तेरी दहलीज़ से आगे ना सवाली जाए
मेरी नस नस में जो ख़ूँ है तेरे दामन पे सही
हाथ उठा है तो अब वार ना खाली जाए
होंठ सी कर मेरे, फ़रमान किया है जारी
इस सुखनवर की कोई बात न टाली जाए
-मुज़फ़्फ़र वारसी
https://www.youtube.com/watch?v=uUaiPzIzan0
Main bhi bik jaoun agar rasm ye daali jaaye
Sar to neelaam ho pagdi na uchali jaaye
Kaat de paon agar bheekh nahi de sakta
Teri dehleez se aage naa sawaali jaaye
Meri nas nas mein jo khoon hai tere daaman pe sahi
Haath utha hai to ab waar naa khaali jaaye
-Muzaffar Warsi
सर तो नीलाम हो पगड़ी ना उछाली जाए
काट दे पाँव अगर भीख नहीं दे सकता
तेरी दहलीज़ से आगे ना सवाली जाए
मेरी नस नस में जो ख़ूँ है तेरे दामन पे सही
हाथ उठा है तो अब वार ना खाली जाए
होंठ सी कर मेरे, फ़रमान किया है जारी
इस सुखनवर की कोई बात न टाली जाए
-मुज़फ़्फ़र वारसी
https://www.youtube.com/watch?v=uUaiPzIzan0
Main bhi bik jaoun agar rasm ye daali jaaye
Sar to neelaam ho pagdi na uchali jaaye
Kaat de paon agar bheekh nahi de sakta
Teri dehleez se aage naa sawaali jaaye
Meri nas nas mein jo khoon hai tere daaman pe sahi
Haath utha hai to ab waar naa khaali jaaye
-Muzaffar Warsi
Deepankar Joshi ji ,Can i have the source which revels that this Ghazal is Penned by Muzaffar Warsi sahab??
ReplyDeleteI took it from the youtube video comment
Deleteएक शेर और भी है इस ग़ज़ल में -
ReplyDelete'होंठ सी कर मेरे फ़रमान किया है जारी,
इस सुखनवर की कोई बात न टाली जाए...