चमन की बहारों में था आशियाना
न जाने कहाँ खो गया वो ज़माना
खुदारा मेरी क़ब्र पे तुम न आना
तुम्हें देख कर शक़ करेगा ज़माना
अगर आ भी जाओ कभी राह भूले
तो न गुल चढ़ाना न आँसू बहाना
(गुल = फूल)
तुम्हें भूलने की मैं कोशिश करूंगा
यह वादा करो के ना तुम याद आना
मुझे मेरे मिटने का ग़म है तो ये है
तुम्हें बेवफ़ा कह रहा है ज़माना
-क़मर जलालवी
Mujhe mere mitane ka ghum hain to ye hai
Tumhein bewafa kah raha hai zamana
-Qamar Jalaalavi
न जाने कहाँ खो गया वो ज़माना
खुदारा मेरी क़ब्र पे तुम न आना
तुम्हें देख कर शक़ करेगा ज़माना
अगर आ भी जाओ कभी राह भूले
तो न गुल चढ़ाना न आँसू बहाना
(गुल = फूल)
तुम्हें भूलने की मैं कोशिश करूंगा
यह वादा करो के ना तुम याद आना
मुझे मेरे मिटने का ग़म है तो ये है
तुम्हें बेवफ़ा कह रहा है ज़माना
-क़मर जलालवी
Chaman ki baharon mein tha aashiyana
Na jaane kahan kho gaya woh zamana
Khudara meri kabra par tum na aana
Tumhe dekha kar shaq karega zamana
Agar aa bhi jao kabhi raah bhoole
To naa gul chadhaana naa aansoo bahaana
Tumhein bhulane ki main koshish karunga
Ye wada karo ke na tum yaad aanaMujhe mere mitane ka ghum hain to ye hai
Tumhein bewafa kah raha hai zamana
-Qamar Jalaalavi
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