टकरा ही गई मेरी नज़र उनकी नज़र से
धोना ही पङा हाथ मुझे, कल्ब-ओ-जिगर से
(कल्ब-ओ-जिगर = दिल और कलेजा)
इज़हार-ए-मोहब्बत न किया बस इसी डर से
ऐसा न हो गिर जाऊँ कहीं उनकी नज़र से
ऐ ज़ौक़-ए-तलब, जोश-ए-जुनूँ ये तो बता दे
जाना है कहाँ और हम आए हैं किधर से
(ज़ौक़-ए-तलब = खोज/ तलाश का आनंद, कुछ पाने की चाहत का मज़ा, इच्छा का शौक/ रूचि)
ऐ अहल-ए-चमन, सहन-ए-चमन से कफ़स अच्छा
महफूज़ तो हो जाएँगे हम बर्क-ए-शरर से
(अहल-ए-चमन = बग़ीचे वालों), (सहन-ए-चमन = बाग़ के भीतर का हरा भरा तख़्ता), (कफ़स = पिंजरा), (महफूज़ = सुरक्षित), (बर्क-ए-शरर = आसमानी बिजली की चिंगारी)
'फ़य्याज़' अब आया है जुनूँ जोश पे अपना
हँसता है ज़माना, मैं गुज़रता हूँ जिधर से
(जुनूँ = जूनून, उन्माद, पागलपन)
-फ़य्याज़ हाशमी
https://youtu.be/rXf75tQM-gw
Takraa hi gayi meri nazar unki nazar se
Dhona hi pada haath mujhe qalb-o-jigar se
Izhaar-e-mohabbat na kiya bas isi dar se
Aisa na ho gir jaaun kahin unki nazar se
Aye zauk-e-talab, josh-e-junoon ye to bataa de
Jaana hai kahaan aur hum aaye hai kidhar se
Aye ahal-e-chaman, sahan-e-chaman se kafas accha
Mahfooz to ho jaayenge hum barq-e-sharar se
'Fayyaz' ab aaya hai junoon, josh pe apna
Hansta hai zamana main guzarta hoon jidhar se
-Fayyaz Hashmi
धोना ही पङा हाथ मुझे, कल्ब-ओ-जिगर से
(कल्ब-ओ-जिगर = दिल और कलेजा)
इज़हार-ए-मोहब्बत न किया बस इसी डर से
ऐसा न हो गिर जाऊँ कहीं उनकी नज़र से
ऐ ज़ौक़-ए-तलब, जोश-ए-जुनूँ ये तो बता दे
जाना है कहाँ और हम आए हैं किधर से
(ज़ौक़-ए-तलब = खोज/ तलाश का आनंद, कुछ पाने की चाहत का मज़ा, इच्छा का शौक/ रूचि)
ऐ अहल-ए-चमन, सहन-ए-चमन से कफ़स अच्छा
महफूज़ तो हो जाएँगे हम बर्क-ए-शरर से
(अहल-ए-चमन = बग़ीचे वालों), (सहन-ए-चमन = बाग़ के भीतर का हरा भरा तख़्ता), (कफ़स = पिंजरा), (महफूज़ = सुरक्षित), (बर्क-ए-शरर = आसमानी बिजली की चिंगारी)
'फ़य्याज़' अब आया है जुनूँ जोश पे अपना
हँसता है ज़माना, मैं गुज़रता हूँ जिधर से
(जुनूँ = जूनून, उन्माद, पागलपन)
-फ़य्याज़ हाशमी
https://youtu.be/rXf75tQM-gw
Live in Kenya 1970 Private Mehfil
Takraa hi gayi meri nazar unki nazar se
Dhona hi pada haath mujhe qalb-o-jigar se
Izhaar-e-mohabbat na kiya bas isi dar se
Aisa na ho gir jaaun kahin unki nazar se
Aye zauk-e-talab, josh-e-junoon ye to bataa de
Jaana hai kahaan aur hum aaye hai kidhar se
Aye ahal-e-chaman, sahan-e-chaman se kafas accha
Mahfooz to ho jaayenge hum barq-e-sharar se
'Fayyaz' ab aaya hai junoon, josh pe apna
Hansta hai zamana main guzarta hoon jidhar se
-Fayyaz Hashmi
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