एक वादा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं
वरना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं
जी में आता है उलट दें उन के चेहरे से नक़ाब
हौसला करते हैं लेकिन हौसला होता नहीं
शमा जिस की आबरू पर जान दे दे झूम कर
वो पतंगा जल तो जाता है फ़ना होता नहीं
अब तो मुद्दत से रह-ओ-रस्म-ए-नज़ारा बंद है
अब तो उनका तूर पर भी सामना होता नहीं
(तूर = सीरिया का एक पहाड़ जिस पर हज़रात मूसा ने ईश्वर का चमत्कार देखा था)
हर शनावर को नहीं मिलता तलातुम से ख़िराज
हर सफ़ीने का मुहाफ़िज़ नाख़ुदा होता नहीं
(शनावर = तैराक), (तलातुम = तूफ़ान), (ख़िराज = राजस्व, राज-कर), (सफ़ीना = नाव), (मुहाफ़िज़ = रक्षक), (नाख़ुदा = नाविक, मल्लाह)
हर भिकारी पा नहीं सकता मुक़ाम-ए-ख़्वाजगी
हर कस-ओ-नाकस को तेरा ग़म अता होता नहीं
(मुक़ाम-ए-ख़्वाजगी = मालिक/ स्वामी होने का लक्ष्य), (कस-ओ-नाकस = हर प्रकार का व्यक्ति, बड़ा छोटा, हर आदमी)
हाय ये बेगानगी अपनी नहीं मुझ को ख़बर
हाय ये आलम कि तू दिल से जुदा होता नहीं
-साग़र सिद्दीकी
https://www.youtube.com/watch?v=bkBkFkwgDsQ
Ek waada hai kisi ka jo wafa hota nahi
Warna in taaron bhari raaton mein kya hota nahi
Jee mein ata hai ulat dein un ke chehre se naqaab
Hausla karte hain lakin hausla hota nahi
Shama jis ki aabru par jaan de de jhoom kar
Woh patanga jal to jata hai fanaa hota nahi
-Sagar Siddhiqi
वरना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं
जी में आता है उलट दें उन के चेहरे से नक़ाब
हौसला करते हैं लेकिन हौसला होता नहीं
शमा जिस की आबरू पर जान दे दे झूम कर
वो पतंगा जल तो जाता है फ़ना होता नहीं
अब तो मुद्दत से रह-ओ-रस्म-ए-नज़ारा बंद है
अब तो उनका तूर पर भी सामना होता नहीं
(तूर = सीरिया का एक पहाड़ जिस पर हज़रात मूसा ने ईश्वर का चमत्कार देखा था)
हर शनावर को नहीं मिलता तलातुम से ख़िराज
हर सफ़ीने का मुहाफ़िज़ नाख़ुदा होता नहीं
(शनावर = तैराक), (तलातुम = तूफ़ान), (ख़िराज = राजस्व, राज-कर), (सफ़ीना = नाव), (मुहाफ़िज़ = रक्षक), (नाख़ुदा = नाविक, मल्लाह)
हर भिकारी पा नहीं सकता मुक़ाम-ए-ख़्वाजगी
हर कस-ओ-नाकस को तेरा ग़म अता होता नहीं
(मुक़ाम-ए-ख़्वाजगी = मालिक/ स्वामी होने का लक्ष्य), (कस-ओ-नाकस = हर प्रकार का व्यक्ति, बड़ा छोटा, हर आदमी)
हाय ये बेगानगी अपनी नहीं मुझ को ख़बर
हाय ये आलम कि तू दिल से जुदा होता नहीं
-साग़र सिद्दीकी
https://www.youtube.com/watch?v=bkBkFkwgDsQ
Ek waada hai kisi ka jo wafa hota nahi
Warna in taaron bhari raaton mein kya hota nahi
Jee mein ata hai ulat dein un ke chehre se naqaab
Hausla karte hain lakin hausla hota nahi
Shama jis ki aabru par jaan de de jhoom kar
Woh patanga jal to jata hai fanaa hota nahi
-Sagar Siddhiqi
No comments:
Post a Comment