Friday 5 February 2016

Ye kaun aata hai tanhaaiyon mein jaam liye\ ये कौन आता है तन्हाइयों में जाम लिए

ये कौन आता है तन्हाइयों में जाम लिए
जिलों में चाँदनी रातों का एहतमाम लिए

(जिलों = चमक-दमक, आभा), (एहतमाम = प्रबन्ध)

किसी ख़याल की ख़ुशबू किसी बदन की महक
दर-ए-क़फ़स पे खड़ी है सबा पयाम लिए

(दर-ए-क़फ़स = पिंजरे/ जेल का दरवाज़ा), (सबा = मंद हवा), (पयाम = सन्देश)

महक-महक के जगाती रही नसीम-ए-सहर
लबों पे यार-ए-मसीहा-नफ़स का नाम लिए

(नसीम-ए-सहर = सुबह की शीतल हवा), (यार-ए-मसीहा-नफ़स = ईसा मसीह की साँस की दोस्त :- इंजील के अनुसार हज़रत ईसा की फूँक से मुर्दे ज़िन्दा हो जाते थे)

-मख़्दूम मोइउद्दीन


इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:

चटक रही है किसी याद की कली दिल में
नज़र में रक़्स-ए-बहाराँ की सुबह-ओ-शाम लिए

(रक़्स-ए-बहाराँ = बहारों का नृत्य)

हुजूम-ए-बादा-ओ-गुल में हुजूम-ए-याराँ में
किसी निगाह ने झुक कर मेरे सलाम लिए

(हुजूम-ए-बादा-ओ-गुल = शराब और फूलों के समूह), (हुजूम-ए-याराँ = दोस्तों की भीड़)

बजा रहा था कहीं दूर कोई शहनाई
उठा हूँ, आँखों में इक ख़्वाब-ए-नातमाम लिए

(नातमाम = अधूरा स्वप्न)





Ye kaun aata hai tanhaaiyon mein jaam liye
Jilon mein chandni raaton ka ehtamaam liye

Kisi khayaal ki khushboo kisi badan ki mehek
Dar-e-kafas pe khadi hai saba payaam liye

Mehek-mehek ke jagaati rahi naseem-e-seher
Labon pe yaar-e-maseeha-nafas kaa naam liye

-Makhdoom Moinuddin

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