कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊं तुझे देखने के बाद
आवाज़ दे रही है मेरी ज़िन्दगी मुझे
जाऊं के या न जाऊं तुझे देखने के बाद
काबे का एहतराम भी मेरी नज़र में है
सर किस तरफ़ झुकाऊँ तुझे देखने के बाद
(एहतराम = आदर, सम्मान)
तेरी निगाह-ऐ-मस्त ने मख़मूर कर दिया
क्या मैकदे को जाऊं तुझे देखने के बाद
(मख़मूर = नशे में चूर, मतवाला)
नज़रों में ताब-ऐ-दीद ही बाक़ी नही रही
किस से नज़र मिलाऊँ तुझे देखने के बाद
(ताब-ऐ-दीद देखने की शक्ति/ ताक़त)
मंज़िल की जुस्तजू में उठे थे मेरे क़दम
कैसे क़दम बढ़ाऊं तुझे देखने के बाद
(जुस्तजू = खोज, तलाश)
-सईद शाहीदी
अब क्या ग़ज़ल सुनाऊं तुझे देखने के बाद
आवाज़ दे रही है मेरी ज़िन्दगी मुझे
जाऊं के या न जाऊं तुझे देखने के बाद
काबे का एहतराम भी मेरी नज़र में है
सर किस तरफ़ झुकाऊँ तुझे देखने के बाद
(एहतराम = आदर, सम्मान)
तेरी निगाह-ऐ-मस्त ने मख़मूर कर दिया
क्या मैकदे को जाऊं तुझे देखने के बाद
(मख़मूर = नशे में चूर, मतवाला)
नज़रों में ताब-ऐ-दीद ही बाक़ी नही रही
किस से नज़र मिलाऊँ तुझे देखने के बाद
(ताब-ऐ-दीद देखने की शक्ति/ ताक़त)
मंज़िल की जुस्तजू में उठे थे मेरे क़दम
कैसे क़दम बढ़ाऊं तुझे देखने के बाद
(जुस्तजू = खोज, तलाश)
-सईद शाहीदी
Talat Aziz (Music Director: Jagjit Singh)
Kaise sukoon paoon tujhe dekhne ke baad
Ab kya ghazal sunaoon tujhe dekhne ke baad
Awaz de rahi hai meri zindagi mujhe
Jaoon main ya na jaoon tujhe dekhne ke baad
Kaabe ka ehtaram bhi meri nazar mein hein
Sar kis taraf jhukaoon tujhe dekhne ke baad
Teri nigahein mast ne makhmoor kar dya
Kya maikade ko jaoon tujhe dekhne ke baad
Aankhon se ho bayaan to saanso ko rok loon
Chehra kahan chhupaoon tujhe dekhne ke baad
-Saeed Shaheedi
Thanks
ReplyDeleteWow!!
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