Saturday, 18 December 2021

Ab ke saawan ghar aa ja/ अब के सावन घर आ जा

ठुमरी 





3 comments:

  1. आदरणीय दीपांकर जी,
    एक गज़ल कि lyrics ढूँढते हुए आपका ये ब्लॉग मिला ! सारे ब्लॉग बहुत पुराने थे तो मुझे लगा कि अब शायद नहीं डालते होंगें पर ये पोस्ट देख कर बहुत खुशी हुई ! आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं हमारी पीढ़ी के कुछ चुनिंदा लोगों के लिए जो आज भी ग़ज़ल में शौक रखते हैं !प्रणाम आपको !

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  2. Mad respect for finding and collecting these gems bro

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  3. जबसे यह ब्लॉग मिला है मेरी ग़ज़ल सुनने की प्यास मिटी है
    आपका कार्य बहुत सराहनीय है
    धन्यवाद

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