Saturday 18 December 2021

Laa pilaa de saaqiya paimaana paimaane ke baad/ ला पिला दे साक़िया पैमाना पैमाने के बाद

ला पिला दे साक़िया पैमाना पैमाने के बाद 
बात मतलब की करूँगा होश में आने के बाद 

जब तलक मतलब रहा हरदम ख़ुशामद में रहे 
फ़ौरन आँखें फेर लीं मतलब निकल जाने के बाद 

अच्छा नहीं है जानेमन दिल किसी का तोड़ना 
कौन पूछेगा तुझे तेरा हुस्न ढल जाने के बाद 

गुल चढ़ाएगा कब्र पर जिससे ये उम्मीद थी
वो भी पत्थर रख गया सीने पे दफ़नाने के बाद

सुर्ख़रू होता है इंसा ठोकरें खाने के बाद 
रंग लाती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद 

(सुर्ख़रू = सफल, प्रतिष्ठित)

-नामालूम 

इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:

जो जलाता है किसी को ख़ुद भी जलता है ज़रूर 
शम्अ' भी जलती रही परवाना जल जाने के बा'द 

दिल मिरा लेने की ख़ातिर मिन्नतें क्या क्या न कीं 
कैसे नज़रें फेर लीं मतलब निकल जाने के बा'द 

उठ चलो बस ए ज़फ़र इस महफ़िल-ए-अग़्यार से 
वर्ना पीनी ही पड़ेगी दौर चल जाने के बा'द 

(महफ़िल-ए-अग़्यार = अजनबियों की महफ़िल)

Live in Kenya 



laa pilaa de saaqiya paimaana paimaane ke baad
baat matlab ki karunga hosh mein aaane ke baad

jab talak matlab raha hardum khushaamad mein rahe
fauran aankhne pher li matlab nikal jaane ke baad

achcha nahi hai jaaneman dil kisi ka todna
kaun poochega tujhe tera husn dhal jaane ke baad

gul chadhaayega kabar par jisse ye umeed thi
wo bhi patthar rakh gaya seene pe dafnaane ke baad

surkhroo hota hai insaan thokaren khaane ke baad
rang laati hai hina patthar pe ghis jaane ke baad

-Unknown

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