ऐ लाल मेरे मजबूर हूँ मैं
तू पास है तुझसे दूर हूँ मैं
ये राज़ कहूं कैसे
मैंने पाया है तुझे मरियम की तरह
तू फूल बना और प्यासा रहा
मैं रो न सकी शबनम की तरह
तू प्यार की है मासूम किरण
साया तो नहीं गुनाहों का
ममता ने मेरी गोदी भी तुझे
झूला न झुलाया बाहों का
जब ख़ून का रिश्ता है तुझसे
एक दिन तू मुझे पहचानेगा
जो दर्द न जाना दुनिया ने
वो दर्द मेरा तू जानेगा
-नक़्श लायलपुरी
तू पास है तुझसे दूर हूँ मैं
ये राज़ कहूं कैसे
मैंने पाया है तुझे मरियम की तरह
तू फूल बना और प्यासा रहा
मैं रो न सकी शबनम की तरह
तू प्यार की है मासूम किरण
साया तो नहीं गुनाहों का
ममता ने मेरी गोदी भी तुझे
झूला न झुलाया बाहों का
जब ख़ून का रिश्ता है तुझसे
एक दिन तू मुझे पहचानेगा
जो दर्द न जाना दुनिया ने
वो दर्द मेरा तू जानेगा
-नक़्श लायलपुरी
Chitra Singh
Jagjit Singh
Ae laal mere majbur hoon main
Tu paas hai tujhse dur hun main
Ye raaj kahun kaise
Maine paya hain tujhe mariyam ki tarah
Tu phool bana aur pyasa raha
Main ro na saki shabnam ki tarah
Tu pyaar ki hai maasum kiran
Saaya to nahi gunaaho ka
Mamta ne meri godi bhi tujhe
Jhoola na jhulaya baaho ka
Jab khoon ka rishta hai tujhse
Ek din tu mujhe pahchanega
Jo dard na jaana duniya ne
Wo dard mera tu jaanega
-Naqsh Lyallpuri
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