तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही,
सारी दुनिया से छुपा लेंगे तुम आओ तो सही
एक वादा करो अब हम से न बिछडोगे कभी,
नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही
बेवफ़ा भी हो, सितमगर भी, जफ़ा पेशा भी,
हम ख़ुदा तुम को बना लेंगे तुम आओ तो सही
(सितमगर = ज़ालिम, अत्याचारी), (जफ़ा पेशा = ज़ुल्म/ अत्याचार का काम)
राह तारीक़ है और दूर है मंज़िल लेकिन,
दर्द की शम्में जला लेंगे तुम आओ तो सही
(तारीक़ = अन्धकार पूर्ण, अँधेरी, स्याह)
-बेग़म मुमताज़ मिर्ज़ा
Tumko hum dil mein basa lenge tum aao to sahi
saari duniya se chupa lenge tum aao to sahi
Ek vaada karo ke ab humse na bichodoge kabhi
Naaz hum saare utha lenge tum aao to sahi
Bewafa bhi ho sitamgar bhi jafa pesha bhi
Hum Khuda Tumko bana lenge tum aao to sahi
Raah Taareek hai aur door hai manzil lekin
Dard ki shamme jala lenge tum aao to sahi
-Begum Mumtaz Mirza
सारी दुनिया से छुपा लेंगे तुम आओ तो सही
एक वादा करो अब हम से न बिछडोगे कभी,
नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही
बेवफ़ा भी हो, सितमगर भी, जफ़ा पेशा भी,
हम ख़ुदा तुम को बना लेंगे तुम आओ तो सही
(सितमगर = ज़ालिम, अत्याचारी), (जफ़ा पेशा = ज़ुल्म/ अत्याचार का काम)
राह तारीक़ है और दूर है मंज़िल लेकिन,
दर्द की शम्में जला लेंगे तुम आओ तो सही
(तारीक़ = अन्धकार पूर्ण, अँधेरी, स्याह)
-बेग़म मुमताज़ मिर्ज़ा
Tumko hum dil mein basa lenge tum aao to sahi
saari duniya se chupa lenge tum aao to sahi
Ek vaada karo ke ab humse na bichodoge kabhi
Naaz hum saare utha lenge tum aao to sahi
Bewafa bhi ho sitamgar bhi jafa pesha bhi
Hum Khuda Tumko bana lenge tum aao to sahi
Raah Taareek hai aur door hai manzil lekin
Dard ki shamme jala lenge tum aao to sahi
-Begum Mumtaz Mirza
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