इश्क़ फ़ना का नाम है इश्क़ में ज़िन्दगी न देख
जल्वा-ए-आफ़्ताब बन ज़र्रे में रोशनी न देख
[(फ़ना = बर्बादी, तबाही, मृत्यु), (जल्वा-ए-आफ़्ताब = सूर्य की आभा)]
शौक़ को रहनुमा बना जो हो चुका कभी न देख
आग दबी हुई निकाल आग बुझी हुई न देख
(रहनुमा = पथ-प्रदर्शक, मार्गदर्शक)
तुझको ख़ुदा का वास्ता तू मेरी ज़िन्दगी न देख
जिसकी सहर भी शाम हो उसकी सियाह शबीह न देख
[(सहर = सुबह), (सियाह = काली), (शबीह = चित्र/ तस्वीर)]
-जिगर मुरादाबादी
Ishq fanaa ka naam hai, ishq mein zindagi na dekh
Jalwa-e-aaftaab ban, zarre mein roshni na dekh
Shauq ko rehnuma bana jo ho chuka kabhi na dekh
Aag dabi huyi nikaal aag bujhi huyi na dekh
Tujhko khuda ka waasta tu meri zindagi na dekh
Jiski sehar bhi shaam ho uski siyaah shabeeh na dekh
-Jigar Moradabadi
जल्वा-ए-आफ़्ताब बन ज़र्रे में रोशनी न देख
[(फ़ना = बर्बादी, तबाही, मृत्यु), (जल्वा-ए-आफ़्ताब = सूर्य की आभा)]
शौक़ को रहनुमा बना जो हो चुका कभी न देख
आग दबी हुई निकाल आग बुझी हुई न देख
(रहनुमा = पथ-प्रदर्शक, मार्गदर्शक)
तुझको ख़ुदा का वास्ता तू मेरी ज़िन्दगी न देख
जिसकी सहर भी शाम हो उसकी सियाह शबीह न देख
[(सहर = सुबह), (सियाह = काली), (शबीह = चित्र/ तस्वीर)]
-जिगर मुरादाबादी
Ishq fanaa ka naam hai, ishq mein zindagi na dekh
Jalwa-e-aaftaab ban, zarre mein roshni na dekh
Shauq ko rehnuma bana jo ho chuka kabhi na dekh
Aag dabi huyi nikaal aag bujhi huyi na dekh
Tujhko khuda ka waasta tu meri zindagi na dekh
Jiski sehar bhi shaam ho uski siyaah shabeeh na dekh
-Jigar Moradabadi
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