जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
(हीले = टालमटोल करना, बहाना बनाना), (हया = लाज, शर्म)
बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
दरीचों से तुम मुझको देखा करोगी
(काविश = चिंता, फ़िक्र, जिज्ञासा), (दरीचा = खिड़की, झरोख़ा)
सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
कभी जो न सोचा वो सोचा करोगी
(फ़िज़ा = वातावरण), (उफ़क़ = क्षितिज),
कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी झुक के तकिये पे रोया करोगी
-प्रेम वरबाटोनी
Jawaani ke heele, haya ke bahaane
Ye maana ke tum mujhse parda karogi
Ye duniya magar tujhsi bholee nahin hai
Chupaa kar mohabbat ko ruswa karogi
Badi koshishon se, badi kaavishon se
Tamanna ki sehmi hui saajishon se
Milega jo mauka to be-chain hokar
Darichon se tum mujhko dekha karogi
Sataayegi jab chaandni ki udaasi
Dukhaayegi dil jab fizaa ki khamoshi
Ufaq ki taraf khaali nazaren jamaakar
Kabhi jo na socha wo socha karogi
Kabhi dil ki dhadkan mehsoos hogi
Kabhi thandi saason ke thoofaan uthenge
Kabhi gir ke bishtar pe aahen bharogi
Kabhi jhuk ke takiye pe roya karogi
-Prem Warbartoni
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
(हीले = टालमटोल करना, बहाना बनाना), (हया = लाज, शर्म)
बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
दरीचों से तुम मुझको देखा करोगी
(काविश = चिंता, फ़िक्र, जिज्ञासा), (दरीचा = खिड़की, झरोख़ा)
सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
कभी जो न सोचा वो सोचा करोगी
(फ़िज़ा = वातावरण), (उफ़क़ = क्षितिज),
कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी झुक के तकिये पे रोया करोगी
-प्रेम वरबाटोनी
Jawaani ke heele, haya ke bahaane
Ye maana ke tum mujhse parda karogi
Ye duniya magar tujhsi bholee nahin hai
Chupaa kar mohabbat ko ruswa karogi
Badi koshishon se, badi kaavishon se
Tamanna ki sehmi hui saajishon se
Milega jo mauka to be-chain hokar
Darichon se tum mujhko dekha karogi
Sataayegi jab chaandni ki udaasi
Dukhaayegi dil jab fizaa ki khamoshi
Ufaq ki taraf khaali nazaren jamaakar
Kabhi jo na socha wo socha karogi
Kabhi dil ki dhadkan mehsoos hogi
Kabhi thandi saason ke thoofaan uthenge
Kabhi gir ke bishtar pe aahen bharogi
Kabhi jhuk ke takiye pe roya karogi
-Prem Warbartoni
There is one more:
ReplyDeleteकभी ख़्वाब बनकर कभी याद बनकर, कभी गीत की लय में फ़रियाद बनकर,
मैं आया करूँगा तुम्हारे शबिस्ताँ, न तुम मुझ से छिप तो न जाया करोगी.
Thanks
Deleteवह क्या बात वाह वाह
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