दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल उनको सुनाई ना गई
बात बिगड़ी कुछ ऐसी के बनाई ना गई
(दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल = दिल के दुःख का वर्णन/ वृतान्त)
सब को हम भूल गए जोश-ए-जुनूँ में लेकिन
इक तेरी याद थी ऐसी के भुलाई ना गई
इश्क़ पर कुछ ना चला दीदा-ए-तर का क़ाबू
उसने जो आग लगा दी वो बुझाई ना गई
(दीदा-ए-तर = भीगी हुई आँख, आँसू भरी आँख)
क्या उठायेगी सबा ख़ाक मेरी उस दर से
ये क़यामत तो ख़ुद उन से भी उठाई न गई
(सबा = हवा)
-जिगर मुरादाबादी
Daastaan-E-Gham-E-Dil Unko Sunai Na Gayi
Baat Bigdi Kuch Aisi Ke Banaai Na Gayi
Sab Ko Hum Bhool Gaye Josh-E-Junoon Mein Lekin
Ik Teri Yaad Thi Aisi Ke Bhulaai Na Gayi
Ishq Par Kuch Na Chalaa Deeda-E-Tar Ka Jaadoo
Usne Jo Aag Lagaa Di Wo Bujhaai Na Gayi
-Jigar Moradabadi
बात बिगड़ी कुछ ऐसी के बनाई ना गई
(दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल = दिल के दुःख का वर्णन/ वृतान्त)
सब को हम भूल गए जोश-ए-जुनूँ में लेकिन
इक तेरी याद थी ऐसी के भुलाई ना गई
इश्क़ पर कुछ ना चला दीदा-ए-तर का क़ाबू
उसने जो आग लगा दी वो बुझाई ना गई
(दीदा-ए-तर = भीगी हुई आँख, आँसू भरी आँख)
क्या उठायेगी सबा ख़ाक मेरी उस दर से
ये क़यामत तो ख़ुद उन से भी उठाई न गई
-जिगर मुरादाबादी
Daastaan-E-Gham-E-Dil Unko Sunai Na Gayi
Baat Bigdi Kuch Aisi Ke Banaai Na Gayi
Sab Ko Hum Bhool Gaye Josh-E-Junoon Mein Lekin
Ik Teri Yaad Thi Aisi Ke Bhulaai Na Gayi
Ishq Par Kuch Na Chalaa Deeda-E-Tar Ka Jaadoo
Usne Jo Aag Lagaa Di Wo Bujhaai Na Gayi
-Jigar Moradabadi
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