तस्वीर बनाता हूँ, तस्वीर नहीं बनती
इक ख़्वाब सा देखा है, ताबीर नहीं बनती
(ताबीर = स्वप्नकाल बताना, कहना, बताना)
बेदर्द मोहब्बत का, इतना सा है अफ़साना
नज़रों से मिली नज़रे, मैं हो गया दीवाना
अब दिल के बहलने की तदबीर नहीं बनती
(बेदर्द = जिसमे दर्द न हो, बेरहम, निर्दय), (तदबीर = उपाय, प्रयत्न, कोशिश, उपचार)
दम भर के लिए, मेरी दुनिया में चले आओ
तरसी हुई आँखों को फिर, शक़्ल दिखा जाओ
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तक़दीर नहीं बनती
-ख़ुमार बाराबंकवी
Tasveer banata hoon, tasveer nahi banti
Ik khwaab sa dekha hai, taabeer nahi banti
Bedard muhabbat ka itna sa hai afasaana
NazroN se mili nazreN, mai ho gaya deewana
Ab dil ke bahlane ki, tadbir nahi banti
Dum bhar ke liye meri duniya me chale aao
Tarsi hui aankho ko phir shakl dikha jaao
Mujhse to meri bigdi, taqdeer nahi banti
-Khumar Barabankwi
इक ख़्वाब सा देखा है, ताबीर नहीं बनती
(ताबीर = स्वप्नकाल बताना, कहना, बताना)
बेदर्द मोहब्बत का, इतना सा है अफ़साना
नज़रों से मिली नज़रे, मैं हो गया दीवाना
अब दिल के बहलने की तदबीर नहीं बनती
(बेदर्द = जिसमे दर्द न हो, बेरहम, निर्दय), (तदबीर = उपाय, प्रयत्न, कोशिश, उपचार)
दम भर के लिए, मेरी दुनिया में चले आओ
तरसी हुई आँखों को फिर, शक़्ल दिखा जाओ
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तक़दीर नहीं बनती
-ख़ुमार बाराबंकवी
Tasveer banata hoon, tasveer nahi banti
Ik khwaab sa dekha hai, taabeer nahi banti
Bedard muhabbat ka itna sa hai afasaana
NazroN se mili nazreN, mai ho gaya deewana
Ab dil ke bahlane ki, tadbir nahi banti
Dum bhar ke liye meri duniya me chale aao
Tarsi hui aankho ko phir shakl dikha jaao
Mujhse to meri bigdi, taqdeer nahi banti
-Khumar Barabankwi
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