दर्द हो दिल में तो दवा कीजे
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे
हमको फ़रियाद करनी आती है
आप सुनते नहीं तो क्या कीजे
इन बुतों को ख़ुदा से क्या मतलब
तौबा तौबा ख़ुदा ख़ुदा कीजे
रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी
पहले दिल दर्द आशना कीजे
अर्ज़-ए-शोख़ी निशात-ए-आलम है
हुस्न को और ख़ुदनुमा कीजे
(निशात-ए-आलम = संसार का सुख), (ख़ुदनुमा = बड़प्पन दिखाना)
दुश्मनी हो चुकी बक़द्र-ए-वफ़ा
अब हक़-ए-दोस्ती अदा कीजे
(बक़द्र-ए-वफ़ा = प्यार के अनुसार, जितना प्यार हो उतना)
मौत आती नहीं कहीं, ग़ालिब
कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे
[(रंज = दुःख), (आशना = मित्र, दोस्त, परिचित), (जीस्त = जीवन)]
-मिर्ज़ा ग़ालिब
Dard ho dil mein to dawaa keeje
Dil hi jab dard ho to kya keeje
Humko fariyaad karni aati hai
Aap sunte nahi to kya keeje
In buton ko khuda se kya matlab
Tauba tauba khuda khuda keeje
Ranj uthaane se bhi khushi hogi
Pahle dil dard aashnaa keeje
Dushmani ho chuki bakadr-e-wafaa
Ab haq-e-dosti adaa keeje
Maut aati nahi kahin, Ghalib
Kab tak afsos jeest ka keeje
-Mirza Ghalib
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे
हमको फ़रियाद करनी आती है
आप सुनते नहीं तो क्या कीजे
इन बुतों को ख़ुदा से क्या मतलब
तौबा तौबा ख़ुदा ख़ुदा कीजे
रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी
पहले दिल दर्द आशना कीजे
अर्ज़-ए-शोख़ी निशात-ए-आलम है
हुस्न को और ख़ुदनुमा कीजे
(निशात-ए-आलम = संसार का सुख), (ख़ुदनुमा = बड़प्पन दिखाना)
दुश्मनी हो चुकी बक़द्र-ए-वफ़ा
अब हक़-ए-दोस्ती अदा कीजे
(बक़द्र-ए-वफ़ा = प्यार के अनुसार, जितना प्यार हो उतना)
मौत आती नहीं कहीं, ग़ालिब
कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे
[(रंज = दुःख), (आशना = मित्र, दोस्त, परिचित), (जीस्त = जीवन)]
-मिर्ज़ा ग़ालिब
Dard ho dil mein to dawaa keeje
Dil hi jab dard ho to kya keeje
Humko fariyaad karni aati hai
Aap sunte nahi to kya keeje
In buton ko khuda se kya matlab
Tauba tauba khuda khuda keeje
Ranj uthaane se bhi khushi hogi
Pahle dil dard aashnaa keeje
Dushmani ho chuki bakadr-e-wafaa
Ab haq-e-dosti adaa keeje
Maut aati nahi kahin, Ghalib
Kab tak afsos jeest ka keeje
-Mirza Ghalib
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